जयपुर। राजस्थान में होने वाले 7 विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तैयारियाँ ज़ोरों पर शुरू कर दी हैं। आगामी चुनावों के लिए प्रत्याशियों के चयन को अंतिम रूप देने के लिए बीजेपी कोर कमेटी की बैठक रविवार को होने जा रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक उपचुनावों की तारीखों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन चर्चाओं के अनुसार महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही राजस्थान में भी उपचुनाव (Rajasthan By-Election) की तिथियों का जल्द ही ऐलान होने की उम्मीद है।
प्रत्याशियों के नामों का पैनल होगा तैयार
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी प्रदेश कार्यालय में होने वाली इस बैठक में पार्टी प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार किया जाएगा। कोर कमेटी (Core committee) की सहमति के बाद इस पैनल को केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा, जहां अंतिम रूप से उम्मीदवारों का चयन (Selection of candidates) किया जाएगा।
कोर बैठक में शामिल होंगे ये बड़े नेता
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और अन्य प्रमुख नेताओं की उपस्थिति रहेगी। बैठक का उद्देश्य सिर्फ प्रत्याशियों के चयन (Selection of candidates) तक सीमित नहीं है, बल्कि उपचुनाव के लिए संपूर्ण रणनीति को तय करना भी है।
इन सीटों पर होगा उपचुनाव
राजस्थान में जिन 7 सीटों पर उपचुनाव (By-elections on 7 seats) होने जा रहे हैं, उनमें खींवसर (नागौर), झुंझुनूं, दौसा, चौरासी (डूंगरपुर), देवली उनियारा, सलुम्बर, और रामगढ़ शामिल हैं। यह सीटें विभिन्न कारणों से खाली हुई हैं, जिनमें कुछ विधायक लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद बने, जबकि अन्य विधायकों के निधन के कारण सीटें खाली हुई हैं। प्रमुख नामों में हनुमान बेनीवाल, बृजेन्द्र ओला, मुरारीलाल मीना, राजकुमार रोत, और हरीश चन्द्र मीणा के सांसद बनने के बाद उनकी विधानसभा सीटें खाली हो गईं।
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उपचुनाव में क्या होगी BJP की रणनीति?
राजस्थान में इन उपचुनावों को आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। बीजेपी के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि पार्टी को इन चुनावों में अपने संगठन और नेतृत्व का प्रदर्शन करना होगा। वहीं, कांग्रेस की ओर से भी कड़ी टक्कर की उम्मीद की जा रही है, जिससे दोनों पार्टियों के लिए यह चुनाव एक सियासी महाभारत जैसा होगा।