टोंक, (चेतन वर्मा)। जिले के सोहेला में तीन दिन पहले छोटूलाल गुर्जर की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के बाद से चल रहा बवाल बुधवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेश चौधरी और एएसपी ज्ञानप्रकाश नवल की समझाइश के बाद खत्म हो गया। छोटूलाल की मौत के बाद परिजन ग्रामीणों के साथ जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर महापड़ाव डालकर पिछले तीन दिनों से धरना देकर प्रदर्शन कर रहे थे।
परिजनों का आरोप है कि कुछ लोगों ने छोटूलाल की हत्या (Chhotulal’s murder) की है और इस हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के साथ ही सात अन्य मांगों को लेकर मृतक के परिजन धरने पर बैठे थे।
दरअसल, 16 सितंबर को सोहेला निवासी छोटूलाल गुर्जर का संदिग्ध हालत में शव मिलने (Chhotulal Gurjar’s body found in suspicious condition) के बाद परिजनों ने पहले तो बरोनी थाने पर घेराव किया फिर इसके बाद शव को टोंक सआदत अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। इसके बाद से ही परिजनों ने ग्रामीणों के साथ जिला मुख्यालय पर डेरा डाल दिया और पुलिस अधीक्षक के साथ जिला कलेक्टर से पूरे मामले में बरोनी थानाधिकारी ओमप्रकाश चौधरी को निलंबित करने के साथ 7 सूत्री मांगों को लेकर धरना शुरू कर दिया।

परिजनों ने बताया कि छोटूलाल की सड़क हादसे में मौत नहीं हुई है, बल्कि कुछ लोगों ने उसकी हत्या कर दी है, लेकिन पुलिस इसे सड़क हादसा बता रही है। तीन दिन से अपनी मांगों को लेकर अड़े परिजनों को आखिर पुलिस अधीक्षक संजीव नैन और जिला कलेक्टर सौम्या झा ने सहमति देकर धरने को खत्म करवा दिया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेश चौधरी ने आश्वासन देते हुए कहा कि जिला प्रशासन की ओर से उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञानप्रकाश नवल ने कहा कि बरोनी थानाधिकारी को मामले की जांच पूरी होने तक थाने से हटा दिया गया है। इस पूरे मामले की जांच निवाई डिप्टी मृत्युंजय मिश्रा और बनेठा थानाधिकारी रामगिलास को सौंपी गई है।
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उधर, प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे सरपंच संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हंसराज फागणा ने बताया कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मांगें मानने के बाद अब मेडिकल बोर्ड से मृतक छोटूलाल का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है लेकिन आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की मांग पूरी नहीं हुई तो हम फिर से आंदोलन करेंगे।