टोंक/अलीगढ़। जिले के उनियारा उपखंड क्षेत्र की पंचायत समिति अलीगढ़ मुख्यालय और ग्राम पंचायत बिलोता में हुई भारी धांधली के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है। यह धरना सामाजिक कार्यकर्ता शिवराज बारवाल मीणा के नेतृत्व में पंचायत समिति अलीगढ़ मुख्यालय पर रविवार, 1 सितंबर से शुरू हुआ। धरनार्थियों का आरोप है कि पंचायत समिति के अधिकारियों ने जांच रिकॉर्ड में हेरफेर करके शासन और प्रशासन को गुमराह किया है, और इन भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जांच रिकॉर्ड में फेरबदल का आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता शिवराज बारवाल मीणा ने आरोप लगाया है कि पंचायत समिति उनियारा के तत्कालीन विकास अधिकारी नरेंद्र कुमार मीणा, सहायक विकास अधिकारी सतीश कुमार सेन और वर्तमान कार्यवाहक विकास अधिकारी सविता राठौड़ ने मिलकर जांच रिकॉर्ड में फेरबदल किया है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने नरेगा योजना, पीएम आवास योजना, और सहादत नगर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के नवनिर्माण कार्यों में अनियमितताएं की हैं। आरोप है कि जिम्मेदारों ने अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए जांच रिपोर्ट में हेरफेर (manipulation of investigation report) करके शासन-प्रशासन को गुमराह करने का प्रयास किया है।
नरेगा योजना में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का आरोप
धरनार्थियों ने बताया कि ग्राम पंचायत बिलोता (Gram Panchayat Bilota) में नरेगा योजना (NREGA scheme) के तहत हुए निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। आरोप है कि अधिकांश निर्माण कार्य मौके पर नहीं हुए हैं, लेकिन लाखों रुपये का बजट दिखाकर इसे पूरा कर लिया गया है। श्रमिकों के नाम पर फर्जी रिकॉर्ड बनाया गया है और जेसीबी मशीनों से काम करवाकर लीपापोती की गई है। इन कार्यों के लिए तकनीकी अभियंताओं ने बिना किसी कार्य के फर्जी माप-जोख के आधार पर भुगतान कर दिया।
अनिश्चितकालीन धरना शुरू, प्रशासनिक उदासीनता का आरोप
धरने के पहले दिन, रविवार होने के कारण कोई प्रशासनिक अधिकारी धरना स्थल पर नहीं पहुंचा। शिवराज बारवाल मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में 8 अगस्त को उपखंड अधिकारी उनियारा, 22 अगस्त को जिला कलेक्टर टोंक, और 28 अगस्त को मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को ज्ञापन दिया था, लेकिन उनकी शिकायतों का निपटारा नहीं हुआ। अंततः 1 सितंबर से उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का फैसला किया।
शिवराज बारवाल मीणा ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इन मामलों का समाधान नहीं किया गया, तो वे पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के विरुद्ध अनिश्चितकालीन अनशन भी शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपखंड प्रशासन उनियारा और जिला प्रशासन टोंक को लिखित में सूचना दे दी जाएगी।
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धरने का उद्देश्य, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना और पंचायत समिति व ग्राम पंचायत के अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है, ताकि ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता लाई जा सके और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।


