बूंदी। जिले में चिकनगुनिया और डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, लेकिन चिकित्सा प्रशासन की उदासीनता बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने जनता को बरसाती पानी एकत्रित न रहने देने की सलाह दी है, ताकि मच्छरों की रोकथाम की जा सके। सीएमएचओ डॉ. ओपी सामर ने सभी चिकित्सालयों, सरकारी कार्यालयों और आम जनता से अपील की है कि कूलर, टायर, टंकी आदि में जमा पानी को तुरंत खाली करें। लेकिन, जिला अस्पताल के कर्मचारी स्वयं इस निर्देश की पालना नहीं कर रहे हैं।
अस्पताल की हालत चिंताजनक
गुरुवार को जिला अस्पताल (District Hospital) में जाकर देखा तो पाया गया कि दर्जनों टंकियों और कूलरों में गंदा पानी भरा (Tanks and coolers filled with dirty water) हुआ है, जिसमें संक्रामक बीमारियों के कीटाणु पनप रहे हैं। अस्पताल की छत पर रखी पानी की टंकियों पर ढक्कन तक नहीं लगे हुए थे। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही इस हद तक है कि न तो लार्वा और मच्छरों को मारा जा रहा है और न ही गंदे पानी को खाली किया जा रहा है।
रोगियों के लिए जोखिम बढ़ा
अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों रोगी इलाज के लिए आते हैं, जिनमें से अधिकांश खांसी, जुखाम, और बुखार से पीड़ित होते हैं। जानकारों का मानना है कि अस्पताल के चारों ओर फैली गंदगी और जमा पानी के कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है। यदि कोई मच्छर अस्पताल में भर्ती व्यक्ति या उसके परिजनों को संक्रमित कर देता है, तो बीमारी के फैलने की आशंका और बढ़ जाती है।
सफाई व्यवस्थाओं पर लापरवाही
जिले के सबसे बड़े अस्पताल में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अस्पताल परिसर में कदम रखते ही गंदगी नजर आती है, जिससे मरीज और उनके परिजन परेशान हो जाते हैं। अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों का कहना है कि टिकट काउंटर से लेकर इलाज के कमरों तक गंदगी का साम्राज्य है। 32 नंबर कमरे में भीड़ इतनी अधिक थी कि खड़ा होना भी मुश्किल हो गया।
जिम्मेदारों की चुप्पी
अस्पताल की खामियों को दूर करने के लिए राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी क्यों ध्यान नहीं देते, यह सवाल आमजन के मन में है। मरीज डॉक्टरों पर भरोसा करके अस्पताल में इलाज कराने आता है, लेकिन अस्पताल की गंदगी उसकी उम्मीदों पर पानी फेर देती है।
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ये बोले- चिकित्सा विभाग के अधिकारी
अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रभाकर विजय का कहना है कि केयरटेकर को सफाई व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया गया है। गंदे पानी से भरी टंकियों और कूलरों को जल्द ही खाली किया जाएगा। वहीं, सीएमएचओ डॉ. ओपी सामर ने कहा कि जिला अस्पताल प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के अधीन है, इसलिए वही वहां की व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि सफाई व्यवस्थाएं जल्द ही दुरुस्त की जाएंगी।