जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तहसीलदार, जेईएन, पटवारी समेत 7 लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपियों ने एक भूमि कन्वर्जन के मामले में पीड़ित से 13 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिनमें से 1.5 लाख रुपये की रकम लेते हुए उन्हें पकड़ा गया।
ACB के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी रविकांत शर्मा, पटवारी विमला मीणा, गिरदावर रुक्मणी, गिरदावर श्रीराम शर्मा और दलाल महेश मीणा शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि महेश मीणा, पटवारी विमला मीणा का पति है और इस पूरी डील का मास्टरमाइंड था।
रिश्वत की रकम
ACB की टीम ने आरोपियों के पास से 1.5 लाख रुपये की रिश्वत की रकम बरामद की। इस रकम को आरोपियों ने तहसीलदार, जेईएन और अन्य कर्मचारियों में बांटना शुरू कर दिया था। जब ACB की टीम मौके पर पहुंची तो आरोपियों ने घबराकर रिश्वत की रकम अलमारी में छिपा दी और कुछ हिस्से को अपने अंडरगारमेंट में छुपा लिया।
इनके पास से रिश्वत के 1.50 लाख रुपए मिले हैं। इसमें तहसीलदार को 50 हजार, जेईएन को 40 हजार और बाकी अन्य सभी में बांटे गए थे। एसीबी टीम को एक लाख रुपए अलग से भी मिले हैं। इन सभी आरोपियों के घरों पर तलाशी चल रही है।
पीड़ित की शिकायत-
पीड़ित ने बताया कि वह पिछले एक साल से इस मामले में परेशान था। उसने JDA के कई अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। आखिरकार, उसने ACB में शिकायत दर्ज कराई। ACB ने इस मामले को गंभीरता से लिया और 20 से अधिक टीमों का गठन कर जांच शुरू की।
ACB की कार्रवाई-
ACB ने शुक्रवार शाम को एक जाल बिछाकर आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा। ACB की टीम ने JDA के जोन नंबर-9 में छापेमारी की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के बाद कर्मचारियों को छोड़ा
एसीबी कार्रवाई के दौरान जोन नंबर-9 के ऑफिस में 50 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। करीब ढाई घंटे चली कार्रवाई के दौरान एसीबी ने हर पहलू को ध्यान में रखते हुए सभी को रोक लिया था। अफसरों और कर्मचारियों को अकेले में एक-एक कर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
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यह मामला JDA में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक बड़ा खुलासा है। ACB की इस कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। यह मामला एक बार फिर से यह साबित करता है कि भ्रष्टाचार हमारे समाज के लिए एक बड़ी समस्या है और इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।