नई दिल्ली। प्याज के एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध को हटाने के बाद सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने मॉसीशस को 14 हजार मिट्रीक टन गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट की मंजूरी (Approval for export of 14 thousand metric tons of non-Basmati white rice to Mauritius) दे दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, भारत ने सोमवार को सफेद चावल के निर्यात पर मुहर लगाई है। डीजीएफटी ने कहा, नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से मॉरीशस को 14 हजार मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है।
इससे पहले जुलाई 2023 में केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालांकि सरकार ने यह भी कहा था कि अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने और उन देशों के अनुरोध के आधार पर निर्यात की इजाजत दी जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2024 में किया 790.58 मिलियन डॉलर का हुआ निर्यात
भारत ने अप्रैल-फरवरी वित्तीय वर्ष 2024 में 790.58 मिलियन डॉलर के गैर-बासमती सफेद चावल का एक्सपोर्ट किया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2023 में यह 2.2 बिलियन डॉलर का था। 2023-24 में भारत ने केन्या, मोजाम्बिक और वियतनाम को सबसे ज्यादा गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया था। वहीं, मॉरीशस को 7.48 मिलियन डॉलर का चावल निर्यात किया गया था।
कुछ दिन पहले प्याज से हटा था बैन
बता दें कि देश में हो रहे लोकसभा चुनाव 2024 के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए हाल ही में प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। इसके अलावा प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का भी ऐलान किया है। सरकार की ओर जारी एक नॉटिफिकेशन के मुताबिक, ये बदलाव शनिवार यानी 4 मई से प्रभावी हो गए हैं।
यह भी पढ़े : White Hair Remedy : नारियल के तेल में मिलाकर लगा लें ये 1 चीज, कुछ दिनों में काले हो जाएंगे सफेद बाल
सरकार ने 550 डॉलर प्रति टन का लगाया MEP
सरकार ने प्रतिदिन 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगाया है। बता दें कि महाराष्ट्र में किसानों के असंतोष के बीच सरकार की ओर से अनिश्चित काल के लिए बढ़ाए गए बैन को 43 दिन बाद हटाया गया था। महाराष्ट्र के प्याज व्यापारी और किसान प्रतिबंध हटाने के लिए सरकार से लगातार आग्रह कर रहे थे, उनका कहना है था कि इससे किसानों को बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद मिलेगी। हालांकि, सरकार इस डर से झिझक रही थी कि कहीं देश में प्याज की कीमतों में उछाल न आ जाए।