आरोपों पर सभापति महेंद्र मेवाड़ा व आयुक्त महेंद्र चौधरी ने दी सफाई
राजस्थान हाईकोर्ट के परिवाद पर सिरोही कोतवाली थाने में नगरपरिषद सभापति व तत्कालीन आयुक्त के खिलाफ गैंगरेप करने का मामला दर्ज (A case of gang rape registered against the Municipal Council Chairman and the then Commissioner) हुआ है। रिपोर्ट में बताया कि करीब दो-तीन महीने पहले आंगनवाड़ी में काम करने के लिए 15- 20 महिलाएं एक साथ सिरोही गई थी। वहां नगर परिषद सभापति महेंद्र मेवाड़ा और तत्कालीन आयुक्त महेंद्र चौधरी मिले थे, उन्होंने उन सभी को अपने किसी परिचित के घर पर रुकवाया, वहीं, पर खाने-पीने की व्यवस्था की थी, महेंद्र मेवाड़ा व महेंद्र चौधरी दोनों ने अपने अन्य दोस्तों ने परिचितों के साथ मिलकर उन्हें जो खाना खिलाया था।
उसमे उन सभी ने पूर्व नियोजित तरीके से षड्यंत्र रचकर उनके खाने में कुछ नशीली दवाई मिला दी थी, जिस कारण वे सभी महिलाएं बेहोश हो गई थी। उसके बाद दोनों ने उनके दोस्तों के साथ मिलकर उन सभी साथी महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाकर उनके आपत्तिजनक वीडियो बना लिए (Made objectionable videos of women after having physical relations with them) थे, जब होश में आयी तब सभी का सिर दर्द हो रहा था, उन्होंने एक दूसरे से बातचीत की और महेंद्र मेवाड़ा व महेंद्र चौधरी से पूछा तो उन्होंने बताया कि तुम सभी के हमने मिलकर खूब मजे लिए हैं।
दोनों ने ही हम सभी को बताया कि तुम सभी को यहां हमने मजे लेने के लिए ही धोखे से बुलाया था, उन दोनों के साथ उनके 10-15 दोस्त और भी थे, सभी जोर-जोर से हंस रहे थे, सभी उसे समय शराब के नशे में थे, पास ही बहुत सारी शराब की बोतल रखी हुई थी, महेंद्र मेवाड़ा- महेंद्र चौधरी ने अपने 10- 15 दोस्तों के साथ मिलकर उन सभी महिलाओं को नौकरी का झूठां झांसा देखकर उनकी लज्जा भंग कर उनके साथ खोटा काम कर लिया है।
वीडियो वायरल करने की दी धमकियां
सभी को धमकियां देकर गंदे गंदे वीडियो व हम सबके आपत्तिजनक अवस्था के नग्न अवस्था भेज कर ब्लैकमेल करते हुए सभी से 5 लख रुपए की डिमांड कर रहे हैं। साथ ही अपने अन्य साथियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाल रहे हैं, रुपए नहीं देने व उनके कहे अनुसार शारीरिक संबंध नहीं बनाने पर उनकी आपत्तिजनक फोटो और वीडियो वायरल (Objectionable photo and video viral) करने की धमकियां देते हैं।
पीड़िताओं ने पहले भी दी रिपोर्ट
महिलाओं ने शिकायत में बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले सभी पीड़िताओं ने सिरोही महिला थाने में रिपोर्ट दी थी। लेकिन, उस समय महिला थानाधिकारी ने रिपोर्ट को परिवाद में रखकर जांच की थी। जांच में कहा कि एक भी महिला पुलिस को बयान देने के लिए सामने नहीं आई थी। जिसको लेकर महिला थाना पुलिस ने मामले को झूठा बताया था। इसके बाद यह पूरा मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। अब हाईकोर्ट के निर्देश पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है। पुलिस अब फिर से मामले की जांच में जुटी है।
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आरोपों पर सभापति महेंद्र मेवाड़ा व आयुक्त महेंद्र चौधरी ने दी सफाई
एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सभापति महेंद्र देवाड़ा ने आरोपों को झूठा करार देते हुए उसे खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मामले पर पुलिस ने पहले भी जांच की थी, उसमें जिन महिलाओं के नाम और पते थे वो फर्जी थे, जिसपर पुलिस ने एफआर लगा दी थी। हमें बदनाम करने की नीयत से ये किया गया है।