टोंक, (शिवराज बारवाल मीना)। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने हेलीकॉप्टर से रविवार की शाम को उनियारा उपखण्ड क्षेत्र में बनेठा कस्बे के समीप पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के प्रथम चरण अंतर्गत बनास नदी पर निर्माणाधीन ईसरदा बांध (Isarda Dam under construction on Banas River) का निरीक्षण किया। सीएम के साथ केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे।
इस दौरान बांध के निकट बनास नदी में बनाए गए हेलीपैड पर प्रशासनिक एवं ईसरदा बांध परियोजना के अभियंताओं से बांध में चल रहे निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। साथ ही, परियोजना के प्लान एवं शेष रह रहे कार्यों की समीक्षा की। निर्माणधीन ईसरदा डेम को देखा। उन्होंने परियोजना से जुड़े अभियंताओं को बांध के निर्माण के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
हैलिपेड पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, टोंक सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, जिला प्रमुख टोंक सरोज नरेश बंसल, खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल, संभागीय आयुक्त अजमेर महेश चंद्र शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज लता मनोज कुमार, जिला कलेक्टर टोंक डॉ० सौम्या झा, जिला पुलिस अधीक्षक टोंक राजर्षि राज वर्मा, जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर डॉ० खुशाल सिंह, पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर हर्षवर्धन अगरवाला, भाजपा जिलाध्यक्ष टोंक राजेन्द्र पराना, पूर्व विधायक टोंक अजीत सिंह मेहता, पूर्व विधायक देवली उनियारा राजेन्द्र गुर्जर, पूर्व विधायक गंगापुर सिटी मानसिंह गुर्जर, पूर्व सभापति नगर परिषद टोंक लक्ष्मी जैन, पूर्व अध्य्क्ष नगरपालिका उनियारा राकेश बढ़ाया, भाजपा नेता एडवोकेट नमोनारायण गौतम उनियारा सहित अन्य जनप्रतिनिधी एवं टोंक- सवाई माधोपुर जिलों के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों सहित भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री का हेलीपेड के नजदीक गर्मजोशी से स्वागत किया। मुख्य्मंत्री ने भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं सहित अधिकारियों-कार्मिकों से मिलकर परिचय करते हुए संवाद भी किया।
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दौसा तथा सवाईमाधोपुर जिलों के 6 कस्बों एवं 1256 गांवों को मिलेगा पानी
ईसरदा बांध के निर्माण के बाद दौसा जिले के 1079 गांवों व 5 कस्बों एवं सवाई माधोपुर जिले के 177 गांवों व 1 कस्बे को 3 लाख 6 हजार 198 जल कनेक्शन के माध्यम से 35.13 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। बांध निर्माण से टोंक जिले के छोटे-बड़े बांधों, कुओं, एनिकट एवं तालाबों में पानी की आवक बनी रहेगी। इससे आसपास के गांवों में भूजल का स्तर बढ़ जाएगा और किसानों को सिंचाई में लाभ मिलेगा। बांध का निर्माण कार्य 6 जनवरी 2025 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।