बूंदी। जिला मुख्यालय पर स्थित खेल संकुल में शौचालय (Toilet in sports complex) की अव्यवस्था यहां के खेल विभाग की गैर जिम्मेदारी की कहानी खुद बयां कर रही है। यहां खेल संकुल में एक ही शौचालय में महिला-पुरुष सांझा रूप से उपयोग करने की छूट (Permission for joint use of men and women in the same toilet) दी हुई है। जिससे यहां सोच करने आने वाली महिलाओं को शर्मसार होना पड़ रहा (women are feeling ashamed) हैं। ऐसी पीड़ा बूंदी की महिला अधिवक्ता अलीना शेख को झेलनी पड़ी, तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) के समक्ष याचिका दायर करते हुए जिला खेल अधिकारी एवं जिला कलेक्टर को पक्षकार बनाया है।
बतादें, मुख्यालय पर खेल संकुल में प्रतिदिन खेल प्रेमी यहां विभिन्न खेल गतिविधियों की प्रेक्टिस करने जाते हैं, साथ ही प्रतिदिन सुबह-शाम शहर के प्रबुद्ध परिवारो से महिला- पुरुष यहां भ्रमण करने के लिए आते हैं तथा यहां समय-समय पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती रहती है। बालक- बालिका खेल प्रतियोगिताएं भी इस मैदान में होती रहती है, इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय कई आयोजन भी यहां होते रहते हैं जिसमे बड़ी संख्या महिला पुरूष, युवक- युवतियां भी पहुंचते है। इसके बावजूद जिला खेल अधिकारी ने यहां बने शौचालय की व्यवस्थाओं पर ध्यान ही नहीं दिया जिसके चलते यहां शाक्चालय का उपयोग करने वाले हर किसी को शर्मसार होना पड़ रहा हैं। मामले को लेकर महिला अधिवक्ता अलीना शेख ने एक याचिका दायर कि है, जो चर्चा का विषय बन गई है।
बूंदी की महिला अधिवक्ता अलीना शेख (Women Advocate Alina Shaikh) ने एक ही शौचालय में महिला पुरुष के सांझा उपयोग की छूट देने के विरुद्ध जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में जिला खेल अधिकारी एवं जिला कलेक्टर को पक्षकार बनाते हुए याचिका दायर की है। अधिवक्ता याची अलीना शेख ने बताया कि खेल अधिकारी ने स्थानीय खेल संकुल में एक ही शौचालय में महिला पुरुष के उपयोग के लिए महिला पुरुष उपयोग अंकित किया हुआ है, जिसके चलते याचिका कर्ता माह नवंबर में इस शौचालय में उपयोग के लिए अंदर चली गई जहां पहले से पुरुष शौचालय का उपयोग कर रहे थे इससे याची को लज्जित होकर बाहर निकलना पड़ा, साथ ही इसमें भयंकर गंदगी और टूट फूट भी दिखाई दी।
महिला अधिवक्ता ने इसकी शिकायत मौजूदा खेल अधिकारी से की। लेकिन खेल अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लेते हुए याची को वहां से रुखसत कर दिया। इससे याची को गहरा मानसिक सदमा लगा। याची अलीना शेख ने बताया कि कुछ दिन पहले प्रमुख समाचार पत्रों में इस दुर्व्यवस्था का समाचार भी प्रकाशित हुआ था। किंतु कोविड महामारी और पुनः लोगों में फैलने के बावजूद यह शौचालय स्वास्थ्य व्यक्ति एवं खिलाड़ियों को बीमारी परोसने के केंद्र बना हुआ है। याचिका में शीघ्र शौचालय को दुरुस्त कर साफ-सुथरा रखने एवं सांझा महिला पुरुष उपयोग को हटवाकर एक ही लिंग विशेष के उपयोग के लिए अंकन करने के आदेश देने की मांग की है।
यह भी पढ़े: राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक बदलाव, 72 IAS औऱ 121 RAS के तबादले, 32 जिलों के कलेक्टर बदले