बूंदी। बूंदी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी द्वारा यहां से विधायक रहे अशोक डोगरा (Ashok Dogra) को टिकट देकर चौथी बार मैदान में उतारा है। वही मंगलवार को कांग्रेस ने चौथी सूची जारी कर पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा को टिकट देकर भरोसा जताया है। दोनों के बीच एक बार फिर से कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। ज्ञात रहे 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के अशोक डोगरा का कांग्रेस के हरिमोहन शर्मा के बीच हुए कड़े मुकाबले (There was a tough contest between BJP’s Ashok Dogra and Congress’s Harimohan Sharma) में हरिमोहन शर्मा (Harimohan Sharma) की 713 मतों के मामूली मतों के अंतर से हार हुई थी।
5 साल महनत का मिला इनाम
2018 के चुनाव में मामूली अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी की हार के कारण वह निवर्तमान सरकार में शामिल तो नहीं हो सके, लेकिन एक जनप्रतिनिधि के रूप में पूरे 5 साल आमजन और कार्यकर्ताओं के बीच रहकर उनकी बात सुनी और समस्याओं का समाधान करने का पुरा प्रयास किया, जिसका नतीजा यह रहा की हाईकमान ने एक बार फिर उन्हें मौका दिया। हालांकि हरिमोहन शर्मा के राजनीतिक विरोधियों ने उनका टिकट कटवाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाया था। ममता शर्मा के जिस तरीके से अचानक कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के समाचार मिले, वैसे ही जिले के राजनीतिक समीकरण भी बदल गए। ऐसे में लोग कई तरह की चर्चा करने लगे। लेकिन अंतः टिकट हरिमोहन शर्मा को ही मिला। अब समर्थको का दावा है कि पिछली हार का बदला सूद सहित लेगंे।
खुशी का किया इज़हार
अबकी बार पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और अपने काम के दम पर एक बार फिर आमजन के बीच होंगे। मंगलवार को हरिमोहन शर्मा के टिकट मिलने की सूचना से ही समूचे विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में हर्ष का माहौल देखने को मिला। जगह-जगह आतिशबाजी कर मिठाईयां बांट खुशी का इज़हार किया।
भाजपा में हर्ष तो एक धड़े ने कि परिवर्तन कि मांग
भाजपा की ओर से चौथी बार प्रत्याशी बनाए जाने पर भाजपा के एक धड़े ने खुशी का इज़हार किया था ओर वे उनके चुनाव प्रचार में जुट गए है। भाजपा प्रत्याशी अशोक डोगरा के प्रति आमजन की नाराजगी तो नहीं है, लेकिन भाजपा के पदाधिकारी रूठे हुए हैं जो लगातार प्रत्याशी परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। अब यह दूसरा धड़ा मुखर होकर सामने आ गया और उन्होनें शिर्ष नेतृत्व को पत्र भेजकर प्रत्याशी बदलने की मांग कर डाली। अब देखना यह है कि भाजपा के इन पदाधिकरियों की मांग का कितना असर होता है? और यह भाजपा उम्मीदवार को कहां तक नुकसान पहुंचा सकते हैं? यह मतदान के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
मोदी के नाम पर एक बार फिर जनता के बीच डोगरा
इधर भाजपा प्रत्याशी अशोक डोगरा राजस्थान सरकार की जन विरोधी नीतियों को लेकर जनता के बीच जाकर मोदी सरकार की योजनाओं के नाम पर एक बार फिर आमजन से रूबरू होकर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे है।

एएसपी से अनीता मीणा प्रत्याशी घोषित
बूंदी से आजाद समाज पार्टी की (ASP) ओर से अनीता मीणा (Anita Meena) को प्रत्याशी घोषित किया गया है। अनीता मीणा आजाद समाज पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी है। युवा और मीणा समाज से होने के चलते उन्हें फायदा मिलने की उम्मीद है।
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आप से डॉ. किशन लाल मीणा ठोकेगें ताल
आम आदमी पार्टी (Aap) की ओर से डॉ. किशन लाल मीणा (Dr. Kishan Lal Meena) को उम्मीदवार बनाया गया है। किशन लाल मीणा आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष भी है और वह लगातार पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए कार्यकर्ताओं और जनता के बीच पहुंचने का प्रयास करते रहे हैं। अभी नामांकन के दो दिन ही हुए है, 6 नवंबर को नामाकंन दाखिल करने कर अंतिम दिन हैै, उसके बाद नामाकंन पत्रों की जांच और 9 को नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट होगी।