यूपी के हाथरस में जिस बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत (122 people died in a stampede during the Baba’s satsang in Hathras) हुई, उस बाबा का कनेक्शन दौसा से भी (Baba’s connection with Dausa also) रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो नारायण हरि बाबा का यहां पिछले कई वर्षों से एनएच 21 पर बसी एक कॉलोनी में स्थित मकान में आना जाना था। जहां बाबा दिव्य दरबार लगाकर अपने अनुयायियों से मिलता था, प्रवचन देता था।
जब नारायण हरि बाबा यहां रहता था तो उनके अनुयाई यहां कड़ा पहरा देते थे, किसी भी बाहरी अनजान व्यक्ति की आवाजाही पर पाबंदी रहती थी। ऐसे में जो कॉलोनी के स्थानीय लोग थे वह भी परेशान रहते थे। उन्हें भी अपने घरों में आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। बाबा से मिलने बसों में और लग्जरी गाड़ियों में भरकर बाहर से लोग यहां आते थे। नारायण हरि बाबा ने यहां फरवरी 2024 से आना बंद कर दिया, जब जयपुर एसओजी ने यहां रेड डाली थी।
दरअसल, जिस मकान में नारायण हरि बाबा दौसा आकर दिव्य दरबार लगाता था वह मकान पेपर लीक मामले के आरोपी पटवारी हर्षवर्धन मीणा का (That house belonged to Patwari Harshvardhan Meena, accused in the paper leak case) था। जब एसओजी ने हर्षवर्धन मीणा को नेपाल से गिरफ्तार किया तो एसओजी को हर्षवर्धन का मकान दौसा में होने का पता लगा तब तक एसओजी को भी यह पता नहीं था कि यहां नारायण हरि बाबा का दिव्य दरबार लगता है, जब जयपुर एसओजी की टीम एएसपी नरेंद्र मीणा के नेतृत्व में हर्षवर्धन मीणा के मकान पर सर्च करने पहुंची तो उन्हें इस पूरे मामले का पता लगा।
एसओजी को सर्च के दौरान हर्षवर्धन मीणा द्वारा पेपर लीक मामले के कई अहम दस्तावेज हाथ लगे। बताया जा रहा है हर्षवर्धन मीणा की गिरफ्तारी के बाद बाबा नारायण हरि अपने अनुयायियों के साथ यहां से रफू चक्कर हो गया था, इसके बाद नारायण हरि बाबा दौसा में दिव्य दरबार लगाने कभी नहीं आए।
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पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन मीणा के साथ बाबा नारायण हरि का किस तरह का अटैचमेंट था इसकी फिलहाल राजस्थान एसओजी जांच पड़ताल में जुटी हुई है। वहीं सूत्रों की माने तो हाथरस हादसे के बाद में राजस्थान एसओजी भी एक्टिव हो गई और यूपी और एमपी में जयपुर एसओजी की टीम बाबा की तलाश में गई हुई है।