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युवक की मौत के मामले में कोर्ट ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित, सबुत मिटाने पर केस दर्ज करने का आदेश

बूंदी। जिले के इंद्रगढ़ थाना क्षेत्र के करीब 16 साल पुराने एक युवक की मौत के मामले में डीजे कोर्ट बूंदी ने पांच पुलिसकर्मियों को प्रथम दृष्ट्या दोषी मानते हुए चार्ज सुनाया। न्यायालय ने पांचो पुलिस कर्मियों प्रहलाद सिंह, राम सिंह, हिरेंद्र सिंह, गिरिराज गुर्जर व महावीर प्रसाद को निलंबित कर जिले से बाहर स्थानांतरित करने एवं तत्कालीन थाना अधिकारी के खिलाफ सबुत खुर्द बुर्द करने का मामला दर्ज कर 7 दिवस में जांच शुरू करने के आदेश दिए है। फरियादी पक्ष की ओर से मामले की पैरवी वकील नवेद कैसर लखपति कर रहे है।

प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार 13 मई 2008 को इंद्रगढ़ निवासी शब्बीर के घर पर पांच व्यक्ति सादा वर्दी में आए और उन्होनें आकर शब्बीर को आवाज लगाकर बाहर बुलाया, आवाज सुनकर शब्बीर की मां मेमुना बाहर आई तो उन पांचों व्यक्तियों ने बोला शब्बीर कहां है। इस पर मां ने अंदर जाकर शब्बीर से कहा कि कोई तुझे बाहर बुला रहा है। जैसे ही शब्बीर बाहर आया तो उन लोगो ने उससे मारपीट शुरू कर दी, इस पर मेमुना चिल्लाई कि क्यो मार रहे हो, ये सुनकर घर के अंदर मौजूद शब्बीर का भाई सलीम मोहम्मद भी बाहर आया। सलीम इन सभी को जानता था उसने कहा प्रहलाद सिंह, राम सिंह, हिरेंद्र सिंह और गिरिराज गुर्जर को वह जानता है ये सभी पुलिस कर्मी है।

पुलिसकर्मियो ने शब्बीर से मारपीट शुरू कर दी, घर से बाहर आते ही राम सिंह ने शब्बीर का हाथ पकड़ लिया, प्रहलाद सिंह ने पसलियों के बीच मारी, उसकी मां मेमुना ने विरोध किया तो वो शब्बीर को लेकर गली से लेकर जाने लगे तो शब्बीर की मां ने कहा कि इसे लेकर कहां जा रहे हो तो पुलिस कर्मियों ने कहा कि जहां ले जा रहे हैं पता लग जाएगा, तो फिर सलीम और शब्बीर की मां उनके पीछे-पीछे गए तो पुलिसकर्मियों ने उसके साथ आगे गली में और मारपीट की, ऐसे में सीने में दर्द होने से शब्बीर की मौत गई।

इसके बाद शब्बीर की मौत के मामले को लेकर उसके भाई सलीम मोहम्मद ने हत्या का मुकदमा थाना इंद्रगढ़ में दर्ज करवाया था, जिस पर पुलिस ने एफआर लगा दी। इसके बाद मुतक के भाई सलीम ने कोर्ट की शरण ली। उक्त मामले में न्यायालय इंद्रगढ़ ने सुनवाई करते हुए प्रसंग ज्ञान लेते हुए हत्या का मामला मानकर जिला सेशन कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। मामला बूंदी डीजे कोर्ट में आया जहां सुनवाई करते हुए आज जिला न्यायालय ने इंद्रगढ़ थाने के तत्कालीन पुलिसकर्मी प्रहलाद सिंह, राम सिंह, हिरेंद्र सिंह, गिरिराज गुर्जर व महावीर प्रसाद को धारा 143, 147, 149, 300, 302 का प्रथम दृष्ट्या दोषी मानते हुए चार्ज सुनाया। चार्ज लगाने के दौरान पुलिस कर्मियों ओर से कहा कि उनके कोई चार्ज नहीं बनता है। पुलिस का तर्क है कि हम किसी अपराधी को ढूंढने गए थे और यह गिर कर बेहोश हो गया था। हम इसे इंसानियत के नाते डॉक्टर के पास ले गए जहां पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया।

जबकि फरियादी के अधिवक्ता नवेद कैसर लखपति का कहना है कि बिना किसी अपराध के पुलिसकर्मी उसे घर से लेकर गए और मारपीट की। जिससे उसके गंभीर चोट आने से उसकी मौत हो गई। न्यायालय ने पुलिस थाना इंद्रगढ़ से उस वक्त के रिकॉर्ड को भी तलब किया तो ऐसे में सारा रिकॉर्ड नष्ट होना बताया गया। इस पर न्यायालय ने प्रथम दृष्ट्या पांचों पुलिस कर्मियों को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर कम से कम बूंदी जिले से बाहर तबादला करने के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए। साथ ही न्यायालय ने तत्कालीन थाना अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 7 दिन के अंदर मामले की जांच शुरू करने के निर्देश दिए है।

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अभी कहा तैनात है ये पुलिस कर्मी
फरियादी की पैरवी कर रहे वकील नवेद केसर लखपति ने बताया कि 16 साल पुराने मामले के अनुसार महावीर प्रसाद एएसआई बूंदी निवासी गुमानपुरा कोटा, प्रहलाद निवासी पीपल्दा सेवानिवृत्त कांस्टेबल, गिरिराज गुर्जर निवासी देवपुरा करवर हाल कांस्टेबल लाखेरी थाना, हिरेंद्र सिंह निवासी सिनसरी डीग भरतपुर हाल पुलिस लाइन बूंदी और रामसिंह निवासी नीम का थाना हाल सीआईडी आईबी को प्रथम दृष्ट्या दोषी माना है। इन सभी को 143, 147, 149 , 300, 302 धारा के तहत दोषी मानकर फैसला दिया गया।

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