राजस्थान में सरकारी नौकरियों में भर्ती के दौरान फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल (use of fake documents) करने वाले आरोपियों के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है। सोमवार को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 129 PTI शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया (Rajasthan Staff Selection Board dismissed 129 PTI teachers), जो फर्जी डिग्रियों के जरिए नौकरी प्राप्त कर चुके थे। इन शिक्षकों ने करीब 16 महीनों तक सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षक (PTI) के रूप में काम किया था। शिक्षा विभाग की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है, जिससे यह साफ हो गया कि इन शिक्षकों ने धोखाधड़ी के जरिए सरकारी नौकरी प्राप्त की थी। इस मामले में शिक्षा विभाग और कर्मचारी चयन बोर्ड ने कड़ा निर्णय लिया है।
PTI भर्ती में फर्जी डिग्री से नौकरी की
राजस्थान में 2022 में पीटीआई के 5546 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इस भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों से 12वीं तक की शिक्षा और शारीरिक शिक्षा में प्रमाणपत्र या डिप्लोमा की आवश्यकता थी। हालांकि, भर्ती के बाद कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच के दौरान कई विसंगतियां सामने आईं, जिनमें से 129 पीटीआई शिक्षकों के दस्तावेजों को फर्जी (Documents of 129 PTI teachers are fake) पाया गया। इसके बाद, इन सभी को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, 244 अन्य अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में भी फर्जीवाड़े की बात सामने आई थी, जिन्हें शिक्षा विभाग को भेजा गया था।
दस्तावेजों की जांच के बाद हुआ खुलासा
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच की गई थी, जिसमें कई लोगों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों में मिसमैच पाया गया, जबकि कुछ के द्वारा फर्जी डिग्रियां पेश की गई थीं। इसके बाद, इन दस्तावेजों की गहन जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई, जो लगातार इस मामले की पड़ताल कर रही थी। इस प्रक्रिया में यह साफ हो गया कि इन अभ्यर्थियों ने नौकरी पाने के लिए कुटरचित दस्तावेजों का सहारा लिया था।
बर्खास्तगी की कार्रवाई और आगे की जांच
इस जांच के परिणामस्वरूप, 244 में से 129 शारीरिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया। विशेष रूप से, धौलपुर जिले में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नियुक्ति पाने वाले 12 शारीरिक शिक्षकों को बर्खास्त किया गया। ये शिक्षक पिछले 16 महीने से सरकारी स्कूलों में काम कर रहे थे और वे सैलरी भी प्राप्त कर रहे थे। हालांकि, बाकी शिक्षकों के खिलाफ अभी जांच जारी है और विभाग इस मामले में और भी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।
8वीं पास भी बने PTI शिक्षक
पीटीआई भर्ती प्रक्रिया में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई कि कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी नौकरी पाने में सफल रहे थे, जिन्होंने केवल 8वीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की थी। यह उन लोगों के लिए बड़ी चौंकाने वाली जानकारी है जिन्होंने पात्रता के मानकों को पूरा करने की कोशिश की थी। भर्ती में यह विसंगति तब सामने आई जब चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की समीक्षा की गई, जिसमें बोर्ड ने पाया कि कई लोगों ने कम योग्यता वाले प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी हासिल की थी। इसके बाद, कर्मचारियों से इन विसंगतियों के बारे में जवाब मांगा गया था और उन्हें नोटिस जारी किया गया था।
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भर्ती प्रक्रिया में हुई धांधली
पीटीआई भर्ती के दौरान कई जगहों पर बड़े पैमाने पर धांधली की बात सामने आई थी। यह न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी का सहारा लेने की प्रवृत्ति को भी उजागर करता है। इस प्रकार के कृत्य न केवल उम्मीदवारों के लिए अनुशासनहीनता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि शिक्षा विभाग और राज्य सरकार की छवि को भी धुमिल करते हैं। इसके बावजूद, कर्मचारियों के द्वारा फर्जी डिग्रियों के जरिए नौकरी हासिल करने की घटनाओं का खुलासा होना, यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को लेकर राज्य सरकार गंभीर है।