in ,

राजस्थान BJP में जिलाध्यक्षों की सूची क्यों अटकी, जिसे अब जयपुर पहुंचे महामंत्री बी.एल. संतोष सुलझाएगें

Why is the list of District Presidents stuck in Rajasthan BJP, which has now been sent to Jaipur by General Secretary B.L. Santosh will solve it

राजस्थान में BJP के नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद अब गहराता जा रहा है। बड़े नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पाने की वजह से इस सूची का अंतिम रूप से जारी होना फिलहाल अटक गया है। ऐसे में प्रदेश में पार्टी की संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर पेंच फंसता ही जा रहा है। इसी बीच, विवाद सुलझाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष (BJP’s National Organization General Secretary B.L. Satisfaction) रविवार रात को जयपुर पहुंचे। माना जा रहा है कि जहां विवाद ज्यादा गहराया हुआ है, उन जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति (Appointment of district heads) प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद ही होगी।

राजे विरोधी कैंप और सूची में खींचतान

सूत्रों की मानें तो भाजपा की इस नई सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पसंद का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। यही कारण है कि राजे विरोधी कैंप के नेता सूची में अपने समर्थकों के नाम शामिल कराने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन मेघवाल अपने-अपने समर्थकों के पक्ष में लॉबिंग करने में जुटे हैं। जयपुर से लेकर दिल्ली तक इन बड़े नेताओं की सक्रियता से पार्टी के अंदर खींचतान का माहौल बन गया है।

23 जिला संगठन इकाइयों पर फोकस

भाजपा ने राजस्थान में संगठन के लिहाज से कुल 44 जिला संगठन इकाइयां बनाई हुई हैं, जिनके अंतर्गत जिलाध्यक्ष संगठनात्मक कार्यों का नेतृत्व करते हैं। आगामी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के मद्देनजर 23 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति को अत्यावश्यक माना जा रहा है। पार्टी का फोकस इस बात पर है कि कम से कम 23 जिलों में बिना किसी विवाद के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हो जाए।

बी.एल. संतोष की अहम बैठक

राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष ने रविवार को जयपुर पहुंचने के बाद भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक प्रस्तावित की है। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, सीएम भजनलाल शर्मा और संगठन चुनाव से जुड़े प्रमुख नेता शामिल होंगे। माना जा रहा है कि सोमवार से जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर गहन चर्चा शुरू होगी और तीन से पांच दिन के भीतर जहां विवाद नहीं है, उन जिलों में नियुक्तियों की घोषणा कर दी जाएगी।

इन जिलों में है विवाद

जिन जिलों में सबसे अधिक विवाद की स्थिति बन रही है, उनमें जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अजमेर, सीकर, सिरोही, भीलवाड़ा, बारां, झालावाड़, धौलपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और उदयपुर शामिल हैं। इन जिलों में बड़े नेताओं के बीच एक-दो नामों पर सहमति नहीं बन पाई है, जिससे मामला और पेचीदा हो गया है। कई जिलों से चार से अधिक नाम जिलाध्यक्षों के लिए प्रस्तावित किए गए हैं, जिससे चयन प्रक्रिया लंबी खिंच रही है।

संभावित नामों की सूची पर काम जारी

जानकारी के अनुसार, जिलाध्यक्षों के संभावित नामों की सूची तैयार करने के लिए चार वरिष्ठ नेताओं की एक समिति गठित की गई है। इस समिति में पूर्व राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया, वर्तमान राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी शामिल हैं। यह समिति प्रत्येक जिले से दो नए चेहरे, एक पूर्व जिलाध्यक्ष और एक वर्तमान जिलाध्यक्ष के नामों की सूची तैयार कर रही है, जिसे राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

संगठन पर्व की समीक्षा बैठक आयोजित हुई

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज संगठन पर्व की समीक्षा हेतु वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसूंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, राष्ट्रीय मंत्री व सदस्यता प्रभारी रितुराज सिंहा, प्रदेश सदस्यता संयोजक अरूण चतुर्वेदी, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व राज्यसभा सांसद ओंकार सिंह लखावत, संगठन पर्व संयोजक नारायण पंचारिया, पूर्व प्रदेश महामंत्री सुशिल खाटरा, एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिरामरांवा उपस्थित रहे।

यह भी पढ़े: Rajasthan Weather Alert : राजस्थान में 13-14 जनवरी को बारिश, बिजली और ओले गिरने का अलर्ट जारी

आशा और अगले कदम

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उम्मीद है कि बी.एल. संतोष के हस्तक्षेप से विवादित जिलों में भी जल्द सहमति बन जाएगी। यह भी माना जा रहा है कि जिन जिलों में विवाद ज्यादा है, वहां प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही जिलाध्यक्षों की घोषणा होगी। इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से भाजपा राजस्थान में अपनी संगठनात्मक ताकत बढ़ाने और आगामी चुनावों के लिए मजबूत तैयारी करने की दिशा में काम कर रही है।

सिटी न्यूज़ राजस्थान चैनल को फॉलो करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Alert issued for rain, lightning and hail on 13-14 January in Rajasthan

Rajasthan Weather Alert : राजस्थान में 13-14 जनवरी को बारिश, बिजली और ओले गिरने का अलर्ट जारी

Thieves targeted the doctor's deserted house in Journalist Colony and took away cash and jewellery.

पत्रकार कॉलोनी में चोरों ने बनाया डॉक्टर के सूने मकान को निशाना, नकदी और जेवरात ले उड़े