एसीजेएम उनियारा ने सुनाया फैसला
टोंक, (शिवराज बारवाल मीना/मुजम्मिल सारण)। टोंक जिले के उनियारा क्षेत्र में 2 खाद बीज एजेन्सी से खाद व बीज के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोग शाला भेजे गए थे। जांच में खाद के सैंपल फैल पाए जाने पर तत्कालीन कृषि अधिकारी, कृषि विभाग टोंक द्वारा न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया था। उक्त प्रकरण में न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ० सुरभि सिंह ने फैसला सुनाते हुए मैसर्स चौधरी खाद बीज एजेंसी उनियारा (M/s Chaudhary Fertilizer Seed Agency Uniara) के प्रोपराइटर उनियारा निवासी कमरूद्धीन पुत्र छोटे खां एवं मिश्रा खाद बीज एजेन्सी बनेठा (Mishra Khad Seed Agency Banetha) के प्रोपराइटर रामप्रसाद सहित चम्बल फर्टिलाइजर्स गड़ेपान कोटा (Chambal Fertilizers Gadepan Kota) के उप महाप्रबंधक (Deputy General Manager) बी.के.कपूर को दोषी माना हैं। जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट उनियारा ने उक्त प्रकरण के तीनों फर्म के संचालाको के विरूद्व 6 माह के कारावास तथा पांच हजार रूपये की जुर्माना राशि अदा करने का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन कृषि अधिकारी कृषि विभाग टोंक दिनेश कुमार बेरवा द्वारा वर्ष 2016 में मैसर्स चौधरी खाद बीज एजेंसी उनियारा एवं मैसर्स मिश्रा खाद बीज एजेंसी बनेठा से सैंपल लिए थे सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। दोनों ही खाद बीज एजेंसी संचालकों ने उक्त माल को चंबल फर्टिलाइजर्स गडेपान कोटा से खरीदना बताया था। प्रयोगशाला भेजे गए सेम्पल जांच में फैल हो गए, खाद में जांच के दौरान सरपर की मात्रा कम पाई गई। जिस पर तत्कालीन कृषि अधिकारी, टोंक दिनेश कुमार बैरवा (वर्तमान प्रमोशन पद – उप निदेशक – आत्मा, कृषि विभाग टोंक) द्वारा तीनों के खिलाफ न्यायालय एसीजेएम उनियारा में परिवाद पेश किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए करीब 7 साल बाद न्यायालय ने वाद ट्रायल तथा साक्ष्य पूर्ण होने पर दोनों एजेंसी मालिक सहित डीजीएम चम्बल फर्टिलाइजर गड़ेपान कोटा को दोषी मानते हुए गुरुवार को 6 माह के कारावास और 5000 के आर्थिक दंड से दंडित करने का आदेश दिया है।
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गौरतलब हैं कि मैसर्स चौधरी एजेंसी संचालक कमरूद्धीन खां वर्तमान में अलीगढ़ (उनियारा) के ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भी है। एसीजेएम कोर्ट उनियारा द्वारा प्रकरण में दिए गए निर्णय की जानकारी क्षेत्र में फैलते ही राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया।