अजमेर। अजमेर के मेयो लिंक रोड स्थित एक प्रतिष्ठित दवा की दुकान से करीब 90 लाख रुपए की दवाओं की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना ने स्थानीय व्यापारियों और पुलिस को हेरत में डाल दिया है। दुकान के मालिक, विनोद शर्मा, ने अपनी दवा की दुकान से लंबे समय से हो रही चोरी का शक अपने नौकरों पर जताया था, और जब पुलिस ने जांच की, तो शक सही साबित हुआ। तीनों नौकरों ने चोरी की वारदात (The three servants committed theft) को कबूल कर लिया है, और उनके पास से दवाएं भी बरामद (Medicines also recovered) की गई हैं।
दुकान के स्टॉक में कमी से हुआ शक
विनोद शर्मा, जो विश्वकर्मा मेडिकल्स (Vishwakarma Medicals) नामक दवा की दुकान के मालिक हैं, ने बताया कि वे पिछले 25 वर्षों से इस व्यापार को संभाल रहे हैं। दुकान उनकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है। विनोद ने नोटिस किया कि पिछले कुछ महीनों से दुकान के मुनाफे में अचानक गिरावट आ रही थी। उन्हें शक हुआ कि स्टॉक में कुछ गड़बड़ी हो रही है, और जब उन्होंने दुकान के दीपक साहू, रतनलाल, और रिंकू उर्फ राकेश नामक तीन नौकरों से पूछताछ की, तो मामले की परतें खुलनी शुरू हुईं।
स्टॉक का मिलान करने पर सामने आई चोरी
विनोद ने बताया कि जब उन्होंने दुकान के स्टॉक का मिलान (Shop stock tally) किया, तो उन्हें बड़ी मात्रा में दवाएं गायब (Large quantity of medicines missing) मिलीं। 14 जुलाई 2024 को उन्होंने नौकरों से गहन पूछताछ शुरू की। शक की सुई तीनों नौकरों की तरफ घूमी, और आखिरकार नौकर दीपक साहू, रतनलाल, और रिंकू ने चोरी की बात कबूल कर ली। पुलिस ने मौके पर ही इनकी दुपहिया वाहन की डिक्की से चोरी की गई दवाएं बरामद कीं।
तीनों नौकरों के कबूलनामे से चौंकाने वाले खुलासे
जांच के दौरान पुलिस ने तीनों नौकरों के यूपीआई खातों की डिटेल (Details of UPI accounts of three servants) भी निकाली, जिससे खुलासा हुआ कि इन लोगों ने चोरी की गई दवाओं को बेचकर भारी मात्रा में पैसा अर्जित किया था। दीपक साहू ने करीब 50 लाख रुपए की दवाइयां चोरी कर बेचीं, रतनलाल ने 30 लाख रुपए की दवाओं की चोरी की, रिंकू ने लगभग 15 लाख रुपए की दवाएं चुराईं और बेचीं।
रकम लौटाने का दिया भरोसा
जब तीनों नौकर पकड़े गए, तो उन्होंने पुलिस और मालिक के सामने कुछ रकम लौटाने का वादा किया। जिसमें, दीपक साहू ने 30 लाख रूपए, रतन लाल ने 20 लाख रूपए और रिंकू ने 7 लाख रूपए लौटाने का भरोसा दिलाया है। वहीं, दीपक साहू ने 2 लाख रुपए का चेक दिया, रतनलाल ने 10 लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट और 10 लाख रुपए के दो चेक दिए, रिंकू ने 5 लाख रुपए लौटाए। हालांकि, चोरी की गई कुल रकम अभी भी पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाई है, और पुलिस आगे की जांच कर रही है कि कितनी दवाएं और चोरी की गई थीं और उनसे अर्जित पैसे कहां-कहां ठिकाने लगाए गए।
परिवार के सदस्यों की भी लिप्तता का शक
जांच में यह भी सामने आया कि चोरी की गई दवाओं को बेचने और अर्जित धन को ठिकाने लगाने में इन नौकरों के परिजन भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस इनकी भूमिका की भी जांच कर रही है। आरोपियों के परिवार से जुड़े कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इस गिरोह का पूरा पर्दाफाश हो सके।
थाना प्रभारी श्याम सिंह ने बताया कि चोरी की गई दवाओं की पूरी जानकारी और डिटेल्स मांगी गई हैं, ताकि पता चल सके कि कितनी दवाएं गायब हुई हैं और उन्हें किन-किन दुकानों या लोगों को बेचा गया है। फिलहाल तीनों नौकर पुलिस की हिरासत में हैं, और उनसे गहराई से पूछताछ की जा रही है।
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इस घटना के बाद अजमेर के दवा व्यापारी वर्ग में खलबली मच गई है। दवा व्यापारी अब अपने स्टॉक और स्टाफ पर कड़ी निगरानी रखने लगे हैं, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। विनोद शर्मा को उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही चोरी के पूरे मामले को सुलझा लेगी और बाकी बचे पैसे भी रिकवर कर लेगी।