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राजस्थान और गुजरात में पकड़ी अत्याधुनिक ड्रग्स लैब, करीब 300 करोड़ की मेफेड्रोन ड्रग बरामद

State-of-the-art drugs lab caught in Rajasthan and Gujarat, Mephedrone drug worth about Rs 300 crore recovered

गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने गांधीनगर और पड़ोसी राज्य राजस्थान में एक साथ चार जगहों पर संयुक्त रूप से छापा मारा और करीब 300 करोड़ रुपए के मादक पदार्थ (मेफेड्रोन) के साथ 13 लोगों को पकड़ा है। यह छापे शुक्रवार को मारे गए थे, जिनकी जानकारी शनिवार को दी गई। इस दौरान दोनों राज्यों में 3 अति आधुनिक मेफेड्रोन मैन्युफैक्चरिंग लैब्स भी मिलीं।

इन छापों को लेकर एक विज्ञप्ति जारी करते हुए एटीएस ने बताया कि, एनानी और राजपुरोहित के साथ-साथ उनके सहयोगियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई, जिसके बाद राजस्थान में सिरोही और जोधपुर के अलावा गांधीनगर के पिपलाज गांव और अमरेली जिले के भक्तिनगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इकाइयों पर छापे मारे गए। छापे के दौरान एटीएस ने 22.028 किलोग्राम मेफेड्रोन और 124 किलोग्राम तरल मेफेड्रोन बरामद किया।

एटीएस की विज्ञप्ति के मुताबिक छापों के दौरान राजपुरोहित को गांधीनगर से पकड़ा गया, वहीं एनानी को सिरोही से पकड़ा गया। एनानी इससे पहले भी इस मामले में 7 साल जेल में रहकर आ चुका है। राजस्थान में एक औद्योगिक इकाई में मेफेड्रोन के उत्पादन में शामिल रहने के आरोप में साल 2015 में उसे क्त्प् ने पकड़ा था। इसके बाद वह 7 साल जेल में रहा था।

विज्ञप्ति में बताया गया कि सभी आरोपी आपस में जुड़े हुए हैं और वलसाड जिले के वापी औद्योगिक क्षेत्र में एक कंपनी से कच्चा माल खरीद रहे थे। फिलहाल जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर ही है कि वे कब से इस ड्रग का उत्पादन कर रहे हैं, उन्होंने इसे किस-किस को बेचा है और इस पूरे ड्रग कार्टेल का हिस्सा कौन था।

उधर, NCB ने एक बयान में कहा, ATS गुजरात पुलिस को एक गोपनीय स्रोत से गुजरात और राजस्थान से संचालित गुप्त मेफेड्रोन मैन्युफैक्चरिंग लैब्स के बारे में जानकारी मिली थी। इन प्रयोगशालाओं का भंडाफोड़ करने के लिए, एटीएस गुजरात पुलिस और एनसीबी हेडक्वार्टर्स ऑपरेशन इकाई की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया था।

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एटीएस के मुताबिक इन छापों के दौरान तीन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं से कुल 149 किलोग्राम मेफेड्रोन (पाउडर व तरल रूप में), 50 किलोग्राम इफेड्रिन और 200 लीटर एसीटोन जब्त हुआ है, जिनकी अनुमानित कीमत 300 करोड़ रुपए है। एजेंसी ने इसे इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेटेड ऑपरेशन का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए कहा कि जांच चल रही है और वितरण नेटवर्क की जांच की जा रही है।

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