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वेज्ञानिक का बड़ा दावा – मुमकिन है टाइम ट्रैवल; पढ़े पूरी रिपोर्ट

वेज्ञानिक का बड़ा दावा - मुमकिन है टाइम ट्रैवल; पढ़े पूरी रिपोर्ट

टाइम ट्रैवल (Time Travel) यानी समय यात्रा एक ऐसा अवधारणा है जिसको लेकर सालों से चर्चा हो रही है। कई सालों पहले इसके ऊपर बहुत सी फिल्में भी बन चुकी हैं। हॉलीवुड फिल्म बैक टू द फ्यूचर (Hollywood movie back to the future) कौन भूल सकता है जो भारत में भी लोगों को बहुत पसंद आई थी। भारत में भी टाइम ट्रैवल (Time Travel) से जुड़ी कई फिल्में बन चुकी हैं। तो क्या टाइम ट्रैवल (Time Travel) वाकई मुमकिन है? क्या सच में इंसान समय में आगे-पीछे जा सकता है और किसी भी चीज को अपने अनुसार बदल सकता है? अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो आपको कुछ वैज्ञानिकों (scientists) की बातों को समझ लेना चाहिए, जिन्होंने समय यात्रा को लेकर एक बड़ी अपडेट दी है।

डेली स्टार न्यूज वेबसाइट (Daily Star News Website) की रिपोर्ट के अनुसार समय यात्रा फिलहाल तो मुमकिन नहीं है, लेकिन अगर वो कहीं से भी मुमकिन हो जाती है, तो उसके पीछे एक बड़ी शर्त होगी। वो ये कि टाइम ट्रैवल (Time Travel) सिर्फ एक ही दिशा में हो सकेगा, यानी भविष्य में। अतीत में जाना मुमकिन नहीं हो सकता क्योंकि समय का समय का ताना-बाना इस तरह से नहीं रचा गया है।

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एक नई स्टडी (New Study) से ये दावा किया गया है कि समय में पीछे जाना मुमकिन नहीं हो सकता, इसके लिए लाइट और चीजों के साथ उसका संबंध जिम्मेदार है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड के असिस्टेंट प्रोफेसर माटियास कोईवुरोवा ने हाल ही में अपने शोध को पब्लिश करवाया है जिसमें उन्होंने लाइट से जुड़ी अहम बातें बताई हैं। उन्होंने बताया कि लाइट वेव की स्पीड हमेशा एक समान यानी कॉन्स्टेंट होती है, पर तब क्या होगा जब वो कॉन्स्टेंट ना हो।

इस शोध को अंजाम देने वाली वैज्ञानिकों की टीम के हेड प्रोफेसर ऑर्निगॉटिस का कहना है कि फिजिक्स में एक बेहद प्रसिद्ध विवाद है,अब्राहम-मिन्कोव्स्की विवाद। इस विवाद के तहत माना जाता है कि जब लाइट किसी मीडियम में प्रवेश करती है, तो उसके Momentum को क्या होता है? मिनकोवस्की का कहना है कि मोमेंटम बढ़ता है वहीं अब्राहम का कहना है कि मोमेंटम घटता है। शोध में कहा गया- “हमने पाया कि हम तरंग को ‘उचित समय’ बता सकते हैं, जो सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत में उचित समय के अनुरूप है।” इस शोध से ये समझ आता है कि यूनिवर्स सिर्फ एक ही दिशा में आगे जा सकता है जो आगे की दिशा में है। ऑप्टिका नाम के जर्नल में ये शोध पब्लिश हुआ था।

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