झालावाड़। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन के बाद अब सोमवार से नामांकन भरने का दौर शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 30 अक्टूबर तो सचिन पायलट 31 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने वाले हैं। दूसरी ओर भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नामांकन की तारीख सामने आ गई है। वसुंधरा राजे 4 नवंबर को नामांकन पर्चा दाखिल करेंगी (Vasundhara Raje will file nomination papers on November 4)। इस बार भाजपा वसुंधरा को भले ही फ्रंट पर रखकर चुनावी मैदान में नहीं रही हो लेकिन इतना तय है कि अभी भी राजस्थान में वसुंधरा ही भाजपा की नंबर-1 नेता हैं। उनकी लोकप्रियता पूरे प्रदेश में हैं, खासकर महिलाओं में।
वसुंधरा के नामांकन की तारीख सामने आते ही उनके नामांकन से जुड़े किस्से भी नजदीक से जानने वाले पुराने लोगों के जेहन में तैरने लगे है। झालावाड़ वसुंधरा राजे का गढ़ है, जहां के झालारापाटन विधानसभा क्षेत्र से वसुंधरा बीते 20 साल से लगातार विधायक (Vasundhara has been MLA from Jhalarapatan assembly constituency continuously for the last 20 years) हैं। राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे सिंधिया 4 नवंबर को नामांकन पत्र दाखिल करेगी, जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। राजे की नामांकन रैली में बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ने का अनुमान है। जैसा कि हर बार देखा जाता है राजे के साथ उनके समर्थक बड़ी तादाद में नामांकन स्थल तक पहुंचते हैं, उसके बाद राजे नामांकन दाखिल करती हैं।
2018 के चुनाव में झालरापाटन के लोगों ने बीजेपी प्रत्याशी वसुंधरा राजे को 116484 वोट देकर जिताया था, उधर, कांग्रेस उम्मीदवार मानवेन्द्र सिंह को 81504 वोट हासिल हो सके थे, और वह 34980 वोटों से हारे थे।
वसुंधरा राजे के नामांकन दाखिल करने से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं जो लोगों को अचंभित करते हैं, यानी कि वसुंधरा राजे सिंधिया जब पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी तब से लेकर अब तक जबकि वह पांचवीं बार झालरापाटन विधानसभा से विधायक के लिए अपना नामांकन दाखिल करने जा रही है, बीते इन 20 सालों की यात्रा में राजे के साथ कुछ चीजें ऐसी हैं जो लगातार जुड़ी हुई है और चर्चा में भी रहती है।
झालावाड़ में वसुंधरा का जादू लोगों के सिर पर चढ़कर बोलता है, यहां सब कुछ उनकी मर्जी पर ही चलता है। अपनी विधानसभा के अतिरिक्त वह अन्य विधानसभाओं में जिस व्यक्ति के सिर पर अपना हाथ रखती हैं वहीं जीत जाता है। यह कहा जा सकता है कि राजे की झालावाड़ जिले में बेहद मजबूत स्थिति है।
रोचक तथ्य
लेकिन फिर भी एक रोचक तथ्य यह है कि राजे जब नामांकन भरने जाती है तो वह विशेष तौर पर मुहूर्त एवं कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखती हैं जिनको इस वैज्ञानिक युग मे टोटका कहा जाता है। वसुंधरा ऐसे ही खूब धार्मिक यात्राएं भी करती हैं। हाल ही में वो राजस्थान के कई प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा करने पहुंची थी।
पूजा अर्चना के बाद नामांकन
झालावाड़ शहर के समीप पुराने वन क्षेत्र से सटा हुआ बालाजी का एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसको राड़ी के बालाजी मंदिर कहा जाता है, इस मंदिर में वसुंधरा राजे सिंधिया की तरफ से एक अखंड ज्योत स्थापित की गई है, जो अनवरत जलती है। वसुंधरा राजे अपने झालावाड़ प्रवास के दौरान अक्सर इस मंदिर पर पहुंच कर पूजा-अर्चना करती हैं। विशेष तौर पर वह नामांकन वाले दिन सबसे पहले अपने घर से निकलकर इसी मंदिर पहुंचती है और पूजा अर्चना के बाद नामांकन करने पहुंचती हैं।
लकी मैन शाहनवाज हुसैन और उनका पेन
वसुंधरा राजे सिंधिया जब पहली बार झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक के लिए नामांकन भरने ने पहुंची थीं, तब उनके साथ पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन और प्रमोद महाजन भी पहुंचे थे, राजे ने शाहनवाज हुसैन के पेन से नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, उसके बाद राजे ने चुनाव जीता और राजस्थान की मुख्यमंत्री बनी।
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तब से यह क्रम लगातार चलता आ रहा है, राजे जब भी नामांकन करने जाती हैं, उनके साथ शाहनवाज हुसैन हमेशा मौजूद रहते हैं। साथ ही राजे उन्हीं के पेन से नामांकन पत्र पर दस्तखत करती हैं। ऐसा माना जाता है कि शाहनवाज हुसैन वसुंधरा राजे के लिए लकी मैन है तथा उनका पैन भी राजे के लिए लकी है।