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प्रतापगढ़ CO जिया-उल-हक हत्याकांड के सभी 10 दोषियों को उम्रकैद, CBI कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Pratapgarh CO Life imprisonment to all 10 culprits of Zia-ul-Haq murder case, historic decision of CBI court

लखनऊ, प्रतापगढ़ के चर्चित सीओ जिया-उल-हक हत्याकांड में सभी 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए प्रत्येक दोषी पर 19,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से आधी रकम सीओ जिया-उल-हक की पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी। इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था, और आज सीबीआई कोर्ट ने 11 साल पुराने इस मामले में दोषियों को सजा दिलवाई।

कोर्ट का फैसला और दोषियों की सूची

सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज धीरेंद्र कुमार ने फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, पन्नालाल पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल उर्फ बुल्ले पटेल को उम्रकैद की सजा सुनाई। 5 अक्टूबर को इन सभी को दोषी ठहराया गया था, और आज सजा का ऐलान हुआ।

क्या था पूरा मामला?

यह मामला 2 मार्च 2013 का है, जब कुंडा के बलीपुर गांव में जमीन विवाद के कारण प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद प्रधान के समर्थकों ने उग्र होकर कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया। सूचना मिलते ही सीओ कुंडा जिया-उल-हक पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ ने उन्हें घेर लिया। इस दौरान नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी हत्या हो गई।

सीओ जिया-उल-हक भीड़ को शांत करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उग्र भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिसकर्मियों ने रात 11 बजे उनकी तलाश शुरू की और उनका शव प्रधान के घर के पीछे खड़ंजे पर मिला। भीड़ ने न सिर्फ पीट-पीटकर हत्या की, बल्कि गोली मारकर उनकी मौत की पुष्टी भी की।

दो एफआईआर, सीबीआई जांच और क्लीन चिट

इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थीं। पहली एफआईआर हथीगवां एसओ मनोज कुमार शुक्ला ने दर्ज करवाई थी, जबकि दूसरी एफआईआर जिया-उल-हक की पत्नी परवीन आजाद ने तत्कालीन मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, अक्षय प्रताप सिंह, हरिओम श्रीवास्तव, गुलशन यादव और नन्हे सिंह के खिलाफ दर्ज करवाई थी।

हालांकि, सीबीआई ने जांच के बाद राजा भैया और उनके साथियों को क्लीन चिट दे दी थी, जिसके खिलाफ परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोबारा जांच की गईऔर 23 दिसंबर 2023 को सीबीआई ने राजा भैया और उनके साथियों को फिर से क्लीन चिट दे दी।

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परवीन आजाद की लड़ाई और न्याय की जीत

जिया-उल-हक की पत्नी परवीन आजाद ने शुरू से इस मामले में न्याय के लिए लड़ाई लड़ी और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए। हालांकि, राजा भैया को क्लीन चिट मिलने से वह निराश थीं, लेकिन 10 दोषियों को सजा मिलने से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिली है


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