जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरण 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को होंगे। इसके लिए चुनाव आयोग युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहा है। इधर, चुनाव की तैयारी को लेकर राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता (Rajasthan Chief Electoral Officer Praveen Gupta) पूरी मुस्तेदी के साथ मोनिटरिंग करने में जुटे हुए। इस बीच उन्होंने ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ के आरोप को लेकर बड़ा बयान (Big statement regarding the allegation of tampering with EVM machine) दिया। उन्होंने कहा कि कई बार यह बात साबित हो चुकी है कि ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ करना संभव नहीं (It is not possible to tamper with EVM machine) है। लेकिन फिर भी किसी राजनीतिक दल को शक हो तो, जहां ईवीएम मशीन रखी जाती है। उन कमरों के बाहर सो सकते हैं, हमें कोई आपत्ति नहीं है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता के इस बयान से राजनीतिक दलों में खलबली मच गई है। उन्होंने दैनिक समाचार पत्र के डिजिटल एडिशन को इंटरव्यू दिया। इसके बाद बवाल मचने पर राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर पोस्ट कर इसे फेक बताया। जबकि प्रवीण गुप्ता ने दैनिक समाचार पत्र के डिजिटल एडिशन की माइक आईडी के साथ यह वीडियो इंटरव्यू दिया है।
राजनेता निगरानी के लिए चाहे तो गद्दा लगाकर सो सकते हैं
एक मीडिया ग्रुप से बातचीत के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार साबित हो चुका है कि ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। हर स्तर पर ईवीएम मशीन की जांच होती है और यह जांच राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने होती है। ईवीएम मशीन सुरक्षित स्थान पर 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रखी जाती है, फिर भी किसी को कोई आपत्ति है तो, राजनीतिक दल या नेता का प्रतिनिधि रात भर सोना चाहे तो, वही अपना गद्दा लगा ले। हमें कोई आपत्ति नहीं।
आने वाले वक्त में मोबाइल से चुनाव होने की संभावना के संकेत!
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने मीडिया ग्रुप से इंटरव्यू के दौरान बड़े संकेत दिए हैं। उन्होंने इन संभावनाओं से इंकार नहीं किया है कि आने वाले समय में मोबाइल के जरिए चुनाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बतौर मुख्य निर्वाचन अधिकारी बहुत से देश में जाने का मौका मिला है। एस्टोनिया और फिलिपींस जैसे देशों में कई नए प्रयोग चल रहे हैं।
यह भी पढ़े: राजस्थान में बैंड बाजे के साथ निकली अनोखी बारात, सरकारी कर्मचारी बने दूल्हा और बाराती, जानें क्या है मामला
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मोबाइल टेक्नोलॉजी पर लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। उससे संभावना बन रही है कि भविष्य में चुनाव मोबाइल से करवाई जा सकते है! हालांकि, उन्होंने इस पर केवल संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजनीतिक दलों को विश्वास में लिया जाना जरूरी होगा। तब ही मोबाइल से चुनाव करवाने का कार्य संभव हो पाएगा।