राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा के बाद शनिवार 3ः15 बजे राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंत्रियों को शपथ दिलवाई। जिसमें कुल 22 मंत्रियों ने शपथ ली। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा और दीया कुमारी 15 दिसंबर को पहले ही शपथ ले चुके थे। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा (BJP took care of caste equations in the cabinet) है।
भजनलाल मंत्रिमंडल में 4 जाट, 3 राजपूत, 3 अनुसूचित जाति के मंत्री बनाए गए हैं। उसके अलावा अन्य जातियों को भी जगह दी गई है। इस दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री अशोक चांदना (Former minister Ashok Chandna) ने राजस्थान सरकार के नए मंत्रिमंडल पर तंज़ करते हुए उसे मोदी के देवनारायण मंदिर में चढ़ाए गए 21 रुपए के लिफाफे की संज्ञा दे दी (The envelope of Rs 21 offered was declared)।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर चांदना ने लिखा, आज भारतीय जनता पार्टी के मंत्रिमंडल की बनावट को देखकर मोदी जी का मालासेरी डूंगरी वाला 21 रूपये का लिफ़ाफ़ा फिर याद आ गया। मालूम हो कि मंत्रिमंडल में सिर्फ एक गुर्जर समुदाय से मंत्री बना (Only one minister from Gurjar community became minister in the cabinet) है। अशोक चांदना भी गुर्जर हैं, ऐसे में उन्होंने यह तंज गुर्जर समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं देने पर किया है। इस चुनाव में ऐसी भी खबरें आईं थीं कि, गुर्जर समुदाय सचिन पायलट को मुख्यमंत्री न बनाये जाने की वजह से नराज था और इस चुनाव में गुर्जरों ने भाजपा को वोट दिया था।
लोकसभा चुनाव के लिए चला बड़ा दांव
अब देश लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है। सभी राजनीतिक दल भी आम चुनाव को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बना रही है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान के मंत्रिमंडल के गठन के जरिए सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। ओबीसी वोटरों को साथ रखने की पूरी कोशिश की है। कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया गया है कि किसी भी प्रकार की खेमेबाजी में शामिल होने से कोई भलाई नहीं है। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को उचित समय पर उचित स्थान दिया जाएगा।
यह भी पढ़े: IAS सुधांश पंत होंगे राजस्थान के नए मुख्य सचिव, केंद्र ने किया रिलीव, जानिए इनके बारे में!
मोदी ने दान पात्र में डाला था 21 रुपए का लिफाफा!
इस साल के शुरुआत में 28 जनवरी को प्रधानमंत्री गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायण की मालासेरी डूंगरी में दर्शन करने के लिए गए थे, जहां कथित रूप से उन्होंने दान पत्र में कुछ रुपए डाले थे, बाद में 9 महीने बाद 25 सितंबर को यह लिफाफा खोला गया था, वहां पुजारी के मुताबिक पीएम मोदी ने लिफाफे में 21 रुपए डाले गए थे।