जयपुर। राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार में जल जीवन मिशन में हुए घोटाले के मामले में एक बार फिर ED एक्शन में आ गई है। ईडी की ओर से आज सुबह से छापेमारी (Raid) की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने मंगलवार को पूर्व मंत्री महेश जोशी (Former minister Mahesh Joshi) और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे। जयपुर, दिल्ली और गुजरात की 10 टीमों ने आज सुबह 6 बजे पांच लोगों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की। इनमें पूर्व मंत्री महेश जोशी के 2 घर, जलदाय विभाग के 2 ठेकेदारों और 2 अधिकारियों के ठिकाने शामिल हैं।
ED टीम की ओर से जांच कार्रवाई की जा रही है। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है। जानकारी के अनुसार राजधानी जयपुर समेत डूंगरपुर और बांसवाड़ा में इंजीनियरों, ठेकेदारों और कुछ अधिकारियों (Engineers, contractors and some officials) के कई परिसरों की तलाशी (Search of premises) ली जा रही है। ईडी की टीमें महेश जोशी के घर पर तलाशी कर रही हैं। महेश और उनके परिवार के 2 सदस्यों से कुछ फाइलों को लेकर पूछताछ की जा रही है।
तीन गाड़ियों में ED की टीम सुबह 6 बजे महेश जोशी के रेलवे स्टेशन स्थित घर पर पहुंची। 6ः30 बजे जब टाइल्स का ठेकेदार आया तो उसे और लेबर को ईडी के अधिकारियों ने वहां से चले जाने के लिए कहा। इसके बाद ठेकेदार चला गया। अभी यह मकान निर्माणाधीन है। हालांकि महेश जोशी और उनका परिवार फर्स्ट फ्लोर पर रह रहा है।
ED अधिकारी महेश जोशी, उनकी पत्नी और बहू से पूछताछ कर रहे हैं। ईडी के पास में कई अहम दस्तावेज हैं, जिनकी पुष्टि की जा रही है। ईडी के पास कुछ वाउचर हैं, जिन पर साइन कर करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया गया है। ये वाउचर जोशी या जल जीवन मिशन में लगे अधिकारियों के सिग्नेचर के बाद ही क्लीयर हुए हैं, इन बिलों की मंजूरी देने की जिम्मेदारी इनके पास ही थी। यह पुष्टि हो जाने के बाद ED आगे कार्रवाई करेगी।
यह तलाशी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत (Search under provisions of Prevention of Money Laundering Act) की जा रही है। ईडी ने अब तक कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला पुलिस की एफआईआर के बाद सामने आया है। पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान में जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था।
मीणा ने कहा था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि केंद्र के जल जीवन मिशन के तहत 20 हजार करोड़ रुपये का घोटाला पीएचईडी मंत्री और विभाग सचिव ने मिलकर किया।
बता दें कि ED की ओर से पहले भी आईएएस सुबोध अग्रवाल सहित कई अधिकारियों के आवास पर छापेमारी हुई है। फिर ईडी की छापेमारी से अधिकारियों और ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है। सीनियर ब्यूरोक्रेट आईएएस सुबोध अग्रवाल, केडी गुप्ता, चीफ इंजीनियर, दिनेश गोयल, इंजीनियर सहित कई अधिकारी ईडी की रडार पर है।
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बता दें कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। इसे राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।