बारां। जिले के छबड़ा में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग (Food Safety and Drug Control Department) ने हंस फाउंडेशन (Hans Foundation) के कार्यालय पर एक बड़ी कार्रवाई की। विभाग को बालाजी नगर स्थित एक मकान में बिना लाइसेंस दवाओं के भंडारण और बिक्री की शिकायत (Complaint about storage and sale of unlicensed medicines) मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
छापेमारी में मिली बड़ी मात्रा में अवैध दवाएं
आयुक्त एच गुइटे और औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा के निर्देश पर असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर उमेश मुखीजा के नेतृत्व में एक टीम ने छबड़ा स्थित कार्यालय पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने एक ताला बंद कमरे से बड़ी मात्रा में अवैध दवाएं बरामद की।
जब्त की गई दवाएं
मौके पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि दवाएं विभिन्न श्रेणियों की थीं, जिनमें एंटीबायोटिक्स, कार्डियक दवाएं, एंटी-फंगल, आई ड्रॉप्स, ईयर ड्रॉप्स, पेन किलर, क्रीम, लोशन, कफ सिरप और एनाल्जेसिक शामिल थीं। इन दवाओं की कुल कीमत लगभग 2 लाख रुपये आंकी गई है।
लाइसेंस और दस्तावेज की कमी
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संस्था के कर्मचारियों ने न तो दवा लाइसेंस दिखाया और न ही दवाओं की खरीद के बिल पेश कर सके। यह स्थिति कानून का उल्लंघन है और अवैध दवा व्यापार का प्रतीक है।
दवाओं की जांच और कानूनी कार्रवाई
दवाओं की गुणवत्ता और कानूनी स्थिति की जांच के लिए ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर बारां शिवकांत शर्मा ने एक नमूना लिया। जब्त की गई दवाओं को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि आगे की जांच की जा सके।
हंस फाउंडेशन की गतिविधियां
सूत्रों के अनुसार, हंस फाउंडेशन बारां के चिकित्सा विभाग के तहत चार से पांच मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाता है। हालांकि, यह गतिविधियां बिना लाइसेंस के हो रही थीं, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं।
भविष्य में सख्त कार्रवाई की चेतावनी
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग ने चेतावनी दी है कि भविष्य में बिना लाइसेंस दवाओं के व्यापार में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम अवैध दवा व्यापार को समाप्त करने और जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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यह कार्रवाई अवैध दवा व्यापार के खिलाफ एक सख्त संदेश है और यह सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है कि चिकित्सा सेवाएं उचित और सुरक्षित तरीके से दी जाएं।