आजकल की लाइफस्टाइल मे पाचन की समस्या ज्यादा लोगो को परेशान करती हैं। सबसे आम एसिडिटी है। अगर एसिडिटी का इलाज न हो तो यह गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग जैसी कंडिशन पेदा हो सकती है। हम एसिडिटी को रोकने के उपाय करते है पर कई बार बहुत लोगो को एसिडिटी के घरेलू नुस्खे से भी आराम नही मिलता है। ऐसे मे पेट दर्द और बहुत बार कमर दर्द होने लगता है। एसिड रिफ्लक्स मे सीने मे जलन और दर्द का अनुभव हो सकता है। एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स को कैसे ठीक करें? एसिडीटी होने पर क्या करें? हम यहां ऐसे 5 प्रभावी घरेलू उपायों के बारे में बता रहे है जो जल्द पेट की इन समस्यओ से राहत दिला सकता है। एक गिलास गर्म पानी के साथ एक चम्मच सौंफ पाउडर लेने से एसिडिटी और इसके लक्षणो जैसे सीने मे जलन, सूजन से राहत मिलती है। पाचन मे सुधार होता है।
पोर्शन कंट्रोल को लेकर सचेत रहने के साथ ही ज्यादा खाने से बचे। क्योकि ज्यादा खाने से एसिड रिफ्लक्स के लक्षण खराब होता है। लक्षण अक्सर खाने के बाद दिखाई देते है। इसलिए सावधानीपूर्वक भोजन करना निवारक उपाय है। ज्यादा वजन एसिड रिफ्लक्स का कारण बन सकता है। हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज के जरिए हेल्दी वेट बनाए रखने से एसिड रिफ्लक्स और उससे जुड़े रिस्क को काफी कम किया जा सकता है। शराब का सेवन सीमित करे। यह पेट में एसिड को बढ़ाता है। जिससे एसिड रिफ्लक्स के लक्षण बढ़ सकते है। हेल्दी डायजेशन और पेट के लिए सीमित मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है। कुछ फूड्स एसिड रिफ्लक्स के लक्षणो को ट्रिगर या खराब कर सकते है।
खट्टे फलो का रस, टमाटर सॉस, फ्राइड चीजें, चॉकलेट, कॉफी, कैफीन और कार्बाेनेटेड ड्रिंक्स जैसो से परहेज करने से हार्ट बर्न को रोका जा सकता है। जिन चीजो से फाइबर मिलता है उनका सेवन खूब करे। हाई फाइबर फूडस एसिड रिफ्लक्स के लक्षणो को कम करने मे फायदेमंद हो सकते है। बेहतर डायजेशन हेल्थ के लिए अपनी डाइट मे साबुत अनाज, गाजर और चुकंदर जैसी जड़ वाली सब्जियां, ब्रोकोली जैसी हरी सब्जियां और हाई वाटर कंटेंट वाले फलो का सेवन करे। एसिड रिफ्लक्स से आपकी नींद मे खलल पड़ने से बचने के लिए सोने से कम से कम तीन घंटे पहले खाने से बचे।