सोने के बाद आपने कभी महसूस किया होगा की, आप होश में हैं और उठने की कोशिश कर रहें लेकिन आपका पूरा शरीर जम सा गया है। नींद की इस स्थिति को स्लीप पैरालिसिस (sleep paralysis) कहते हैं, जब व्यक्ति को लगता है की वो होश में है पर उसका शरीर हिल-डुल नहीं पाता। गहरी नींद आने से पहले या नींद खुलने से कुछ देर पहले ये परेशानी होने कि संभावना होती है। आम तौर पर इसके कारण स्लीप साइकिल डिस्टर्ब होता है और थकान या कमजोरी की शिकायत होने लगती है। बता दे कि स्लीप पैरालिसिस (sleep paralysis) की समस्या किसी लाइफस्टाइल प्रॉब्लम के कारण ही होती है। लेकिन इसे बुरा सपना समझकर नजरअंदाज ना करें, स्लीप पैरालिसिस के लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर से सलाह ले।
किन कारणों से होता है स्लीप पैरालिसिस –
एक्सपर्टस कि माने तो नींद की कमी स्लीप पैरालिसिस (sleep paralysis) का सबसे बड़ा कारण है, जरूरी है की बॉडी को प्रॉपर रेस्ट दें और 6-8 घंटे की अच्छे से नींद लें।
साथ ही एडीएचडी जैसी दवाइयों का सेवन करने से स्लीप साइकिल डिस्टर्ब हो सकता है, जिससे नींद संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा शराब, सिगरेट या दूसरे प्रकार के नशों से बचें, इनका सेवन नींद के साथ ही बॉडी के दूसरे एस्पेक्ट्स को भी नुकसान पहुंचाता है।
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स्लीप पैरालिसिस का उपचार के उपाय
नींद के साथ किसी भी प्रकार का समझौता ना करे। स्वस्थ्य शरीर के लिए एक दिन में लगभग 6-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक होता है।
अपनी स्लीप साइकिल पर ध्यान दें। लैग क्रैंप्स या नार्काेलेप्सी जैसे स्लीप डिसऑर्डर्स का जल्द से जल्द इलाज करें जिससे नींद में कोई दखल ना पड़ सके। स्ट्रेस जैसी समस्याओं से निपटने की कोशिश करें।