राजस्थान के जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार (Jal Jeevan Mission Corruption of Rajasthan) का बड़ा खेल हुआ है। जल जीवन मिशन की नेशनल टीम से लेकर ईडी के छापे भी पड़े। इसके बाद अब भी जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की परतें खूलती जा रही है, केंद्रीय जांच दल की टीम की रिपोर्ट के बाद में अब तमाम एडिशनल चीफ इंजीनियर को जयपुर तलब (Additional Chief Engineer summoned to Jaipur) किया गया है। चीफ इंजीनियर जल जीवन मिशन आर मीणा ने तीन एडिशनल चीफ इंजीनियर को अपने दफ्तर में शुक्रवार को तलब किया है, जयपुर फर्स्ट सेकंड और भरतपुर रीजंस के एडिशनल चीफ इंजीनियर को बुलाया है।
केंद्रीय जल जीवन मिशन की जांच में सामने आया कि पीएचईडी विभाग के इंजीनियर्स ने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई है। सबसे बड़ा घपला उन्होंने DI पाइप की जगह HDPE पाइप डाले। क्योंकि DI पाइप की कीमत HDPE से 4 गुना अधिक होती है। साइट पर जांच लैब होनी चाहिए, लेकिन साइटों पर टेस्टिंग लैब नहीं था।
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एक्सईएन के सामने केसिंग पाइप की वीडियोग्राफी नहीं हो पाई। घटिया पाइप डाले गए, हालांकि पाइपों की लैब रिपोर्ट (Pipes Lab Report) आना अभी भी बाकी है। पंपसेट 3 से 5 स्टार तक डालने थे, बिना स्टार रेटिंग के पंपसेट डाले गए। पंपसेट अच्छी क्वालिटी के लगते तो बिजली की खपत कम होती है। बहरोड में 6 ट्यूबवेल पास में खोदे, 200 मीटर की दूरी पर खोदने थे, बहुत जगहों पर कम गहराई पर पाइप लाइन बिछाई गई, नियमों के तहत 1 मीटर की गहराई पर पाइप लाइन डालनी थी।