जयपुर। भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने अब अपनी ही पार्टी की सरकार को चेताया (Dr. Kirodilal Meena now warned his own party’s government) है। डॉ. मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर कहा कि ओल्ड एमआरईसी प्रोजेक्ट (Old MREC Project) में अफसर करोड़ों रुपए का घोटाला कर रहे (Fasar is running a scam worth crores of rupees) हैं। जयपुर शहर के वीआईपी इलाके गांधी नगर में यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। गांधीनगर क्षेत्र में बने पुराने सरकारी भवन को तोड़कर मल्टी स्टोरी इमारतें बनाने का काम शुरू हुआ है। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पत्र में लिखा है कि अफसरों ने मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और कैबिनेट की मंजूरी के बिना इस प्रोजेक्ट का कार्य शुरू कर दिया है।
गांधी नगर स्थित सरकारी भवनों को तोड़कर मल्टीस्टोरी इमारत बनाने का यह प्रोजेक्ट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में बना था। बाद में प्रदेश में सरकार बदल गई तो यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। अब प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनी तो इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया। कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने पूरे प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर कहा कि जब इस मामले की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय ने लौटा दी। वित्त मंत्री और कैबिनेट ने भी इसका अनुमोदन नहीं किया। इसके बावजूद अफसर इस परियोजना को आगे बढ़ा रहे हैं।
1146 करोड़ रुपए की हेराफेरी की आशंका
डॉ. मीणा का कहना है कि वर्तमान में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी हुई है। इसके बावजूद गांधी नगर में रहने वाले सरकारी अफसरों और कर्मचारियों को भवन खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए। 10 दिन में आवास खाली करने के निर्देश दिए हैं। यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर चल रहा है। डॉ. मीणा ने इस प्रोजेक्ट में 1146 करोड़ रुपए की हेराफेरी की आशंका जताई है। उनका कहना है कि कुछ अफसर रियल एस्टेट कंस्ट्रक्शन ऑफ राजस्थान लिमिटेड से मिलीभगत करके करोड़ों रुपए की हेराफेरी करने में लगे हैं। उन्होंने इस कार्य को बंद करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डॉ. मीणा ने यह भी लिखा कि इस प्रोजेक्ट में मास्टर प्लान का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। मास्टर प्लान के अनुसार गांधी नगर क्षेत्र में 18 से 19 मंजिल की इमारतें बनाने का प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद अफसर इस प्रोजेक्ट को आगे बढा रहे हैं। पीपीपी मॉडल पर बनाए जाने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत कुल छह टॉवर बनाए जाएंगे। इनमें दो टावर निजी लोगों को बेचे जाएंगे। इस क्षेत्र में कई न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों के आवास भी हैं। सुरक्षा के लिहाज से यह प्रोजेक्ट उचित नहीं है।
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गांधी नगर क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर राजस्थान हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जताई है। दो दिन पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर रोक लगाने के आदेश जारी किए। जस्टिस गणेश राम मीणा की अदालत ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए इन बहुमंजिला इमारतों को मंजूरी देने पर सवाल उठाए हैं। जस्टिस मीणा ने कहा कि इन इमारतों के निर्माण से न्यायाधीशों की सुरक्षा और निजता खतरे में पड़ सकती है और सरकारी भवनों में बिजली, पानी और रोशनी का संकट हो सकता है।