जयपुर। मानसरोवर थाना पुलिस ने ट्रेडिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी (Online fraud in the name of trading) करने वाली गैंग के खाताधारक समेत तीन बदमाशों को पकड़ा है। ये सोशल मीडिया एप टेलीग्राम के माध्यम से ट्रेडिंग के नाम पर ठगी (Fraud in the name of trading through social media app Telegram) करते थे। इन्होंने 8 लाख रुपए की धोखाधड़ी (Fraud of Rs 8 lakh) की है। गिरफ्तार मेवाराम कठूमर अलवर हाल मंगल विहार मानसरोवर सौरभ और पारस कुईखेड़ा फाल्जिका पंजाब हाल सिद्वार्थ नगर सांगानेर का रहने वाला है।
पुलिस उपायुक्त दक्षिण दिगंत आनंद ने बताया कि परिवादी नितिन कुमार शर्मा ने 3.85 लाख और 90 हजार रुपए के फ्रॉड की ऑनलाइन शिकायत दी। इस रिपोर्ट पर एक टीम का गठन किया गया। टीम ने जांच की तो पता चला कि परिवादी से आरोपियों ने ठगी कर विभिन्न बैंक खातों में करीब 4.75 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए हैं। इस पर टीम ने परिवादी के बैंक खाते व अन्य बैंक खाते की चेन बनाकर बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किया। इस रिकॉर्ड के बाद गिरोह को बैंक खाता उपलब्ध करवाने वाले सौरभ, पारस व खाता धारक मेवाराम को गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस मास्टर माइन्ड पामुल भुलर निवासी हनुमानगढ़ के बारे में जानकारी जुटा रही है।
ऐसे करते थे ठगी
ठगी करने वाली गैंग टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे टास्क देते है तथा छोटे टास्क पूरा करने के बाद टास्क को पेड (रुपयों वाला) बना देते हैं। इसके बाद टेलीग्राम के माध्यम से ही ऑनलाइन ट्रेडिंग का अकाउन्ट खोल देते हैं। टास्क में जीतने वाली राशि व्यक्ति के ऑनलाइन अकाउन्ट में जुड़ जाती है। धीरे-धीरे उस टास्क को इतना बढ़ा देते हैं कि टास्क पूरा करने वाला व्यक्ति लोभ में आकर अपने खाते से साइबर ठगों के बताए खातों में रुपए ट्रांसफर कर देता है। टास्क पूरा करने के बाद जब व्यक्ति अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउन्ट से रुपए निकालने की कोशिश करता है तो वह रुपए विड्रो नहीं कर सकता।
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साइबर ठग रुपए निकालने की सुविधा खत्म कर देते हैं। इसके बाद साइबर ठग रुपए ट्रांसफर होने के बाद उन रुपयों को आगे कई खातों में ट्रांसफर कर देते हैं। साइबर ठगों की गैंग पूर्व से ही खाता धारकों को हायर कर बैकों में मौजूद रहती है, जो रुपए आते ही खाताधारकों से नकद निकलवा लेते हैं तथा खाता धारकों को समझौता अनुसार कमीशन देकर बाकी के रुपए लेकर फरार हो जाते हैं।