जयपुर। राजस्थान में नए सीएम को लेकर सस्पेंस अब समाप्त (The suspense regarding the new CM in Rajasthan is now over) हो गया है। सांगानेर सीट से विधायक बने भजन लाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री (Bhajan Lal Sharma new Chief Minister of Rajasthan) होंगे। दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक के बाद भजन लाल शर्मा का नाम तय किया है। जिनके नाम की घोषणा पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की। वहीं दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री (Diya Kumari and Premchand Bairwa as Deputy Chief Ministers) बनाया गया है।
भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। वे प्रदेश महामंत्री के तौर पर कार्य करते रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें पहली बार जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया और पहली बार में ही वे सीएम बने हैं। मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था।
बताते चलें कि सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ है। ऐसे में भजन लाल शर्मा ने जीत दर्ज की। संगठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
पर्यवेक्षकों संग बैठक में हुआ फैसला
भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया था। आज दोपहर तीनों नेता जयपुर पहुंचे, विधायकों संग बैठक की। आज दोपहर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से वन टू वन मीटिंग की थी। उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राजनाथ सिंह से फोन पर बात की थी।
बतादें कि राजस्थान का रण जीतने के बाद भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि सीएम किसे चुना जाए। लेकिन सीएम पद की यह रेस अब थम गई है। इस रेस में कई नाम चल रहे थे। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम वसुंधरा राजे का चल रहा था। वो पहले भी राजस्थान की कमान संभाल चुकी हैं। इसके अलावा राजस्थान में हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बने बाबा बालकनाथ के नाम पर भी चर्चा थी। वहीं गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, दीया कुमारी और राजवर्धन राठौड़ जैसे नाम भी रेस में थे।
CM को लेकर अंत तक था सस्पेंस
गौरतलब है कि एमपी और छत्तीसगढ़ में बीजेपी आलाकमान ने जिस तरह से फैसला लेकर सबको चौंका दिया, उसे देखकर राजस्थान में बीजेपी के सभी 115 विधायकों की उम्मीद जग गई थी कि बंद लिफाफे में उनका नाम भी हो सकता है। हुआ भी कुछ ऐसा ही।
बिना सीएम फेस के बीजेपी ने लड़ा था चुनाव
छत्तीसगढ़ और एमपी की तरह राजस्थान में भी बीजेपी ने बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ा था। बीजेपी इन चुनावों में पीएम मोदी के चेहरे पर जमीन पर उतरी। राजस्थान में 200 में से 199 सीटों पर हुई वोटिंग में बीजेपी ने 115 सीटों पर शानदार जीत हासिल की। वहीं, 69 सीटों पर ही कांग्रेस को जीत मिली।