राजस्थान में अवैध खनन माफिया पर एक्शन के दौरान जब्त की गई बजरी और अन्य खनिज को 15 दिन के अंदर नीलाम किया जाएगा। इसके साथ ही, जब्त वाहनों को 21 अप्रैल तक कोर्ट से राज्यसात कराने के बाद नीलाम कर दिया जाएगा। माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने शुक्रवार को अधिकारियों से वर्चुअल मीटिंग करते हुए यह जानकारी दी है।
जीरो टॉलरेंस की नीति पर कर रहे काम
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रहे हैं। सीएम के निर्देशानुसार विभाग ने अभियान की आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। अधिकारियों को अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ सख्त व प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्हें स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
15 दिन में पूरी करें औपचारिकताएं
टी. रविकान्त ने बताया कि जब्त बजरी, अन्य खनिज व वाहन पुलिस थानों में लंबे समय तक रखे रहने से छीजत होने की संभावना रहती है। साथ ही जब्ती का उद्देश्य भी पूरा नहीं होता, राज्य सरकार को राजस्व भी नहीं मिल पाता। ऐसे में उन्होंने सख्त हिदायत दी है कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करते हुए 15 दिन में नीलामी की कार्रवाई की जाए।
अधिकारियों की पीठ थपथपाई
रविकान्त ने खनन क्षेत्रों के डेलिनियेशन और प्लॉट व ब्लॉक तैयार करने के कार्य में तेजी लाने के साथ ही इनकी नीलामी की कार्रवाई के निर्देश दिए, ताकि वैध खनन को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने रिकार्ड राजस्व अर्जन व 23.62 प्रतिशत की विकास दर अर्जित करने के लिए खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों की पीठ थपथपाई।
यह भी पढ़े: अमेरिकी टैरिफ के बाद सोने-चांदी की किमतों में भारी गिरावट, दो दिन में चांदी 8000 रुपये हुई सस्ती
विशेष दल किये गठित
माइंस निदेशक दीपक तंवर ने बताया कि अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष दल गठित किए जा रहे हैं और होमगार्ड सहित आवश्यक मानव संसाधन लगाया जा रहा है। अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर जिला कलक्टर के मार्गदर्शन व संबंधित विभागों से समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। पूर्व में जब्त बजरी सहित खनिजों की नीलामी तय समय-सीमा में सुनिश्चित करवा दी जाएगी।