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पूर्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ होगी CBI जांच, 5 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला

CBI investigation will be done against former minister Ramlal Jat, case of fraud of Rs 5 crore registered

भीलवाड़ा । पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट (Former Revenue Minister Ramlal Jat) के खिलाफ 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी (Fraud of Rs 5 crore) के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं। यह मामला 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में दर्ज किया गया था। आरोप है कि पूर्व मंत्री ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोड़ों रुपये के ग्रेनाइट माइंस के शेयर ट्रांसफर करवा लिए लेकिन भुगतान नहीं किया। इस पर पीड़ित माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

कारोबारी ने लगाए गंभीर आरोप

राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी का आरोप है कि करोड़ों रुपये की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर (50 percent share in granite mines) रामलाल जाट ने अपने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवा लिए। इसके बदले उन्होंने 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन दस्तावेज ट्रांसफर होते ही पैसे देने से इनकार कर दिया।

जोधपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

इस मामले में मंगलवार को जोधपुर हाईकोर्ट के जज फरजंद अली ने कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए। परमेश्वर जोशी ने यह तर्क दिया था कि इस प्रकरण में प्रभावी व्यक्तियों की संलिप्तता के कारण निष्पक्ष जांच केवल सीबीआई ही कर सकती है।

50 प्रतिशत शेयर माइंस कारोबारी के नाम पर थे

परमेश्वर जोशी का कहना है कि वह करेड़ा के रघुनाथपुरा में मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्माे प्रा.लि. (M/s Aravali Grani Marmo Pvt. Ltd.) नाम से ग्रेनाइट माइंस का व्यवसाय करता है। इस माइंस में वह डायरेक्टर और शेयर होल्डर है।

कंपनी का रजिस्ट्रेशन श्याम सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के नाम पर था। जब कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ, तब परमेश्वर इन दोनों से 10 करोड़ रुपये मांगता था। इस कारण उन्होंने माइंस के 50 प्रतिशत शेयर परमेश्वर और उसकी पत्नी भव्या जोशी के नाम कर दिए थे।

रिश्तेदारों के नाम शेयर ट्रांसफर, पैसे नहीं दिए

आरोप के अनुसार, बचे हुए 50 प्रतिशत शेयर का सौदा श्याम सुंदर और चंद्रकांत ने रामलाल जाट से कर लिया। रामलाल जाट ने इन शेयरों को अपने रिश्तेदार मोना चौधरी और सुरेश जाट के नाम ट्रांसफर करवा लिया।

परमेश्वर का दावा है कि इन शेयरों के लिए 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था। लेकिन रामलाल जाट ने पैसे देने से इनकार कर दिया और केवल 2 करोड़ रुपये देने की बात कही। बाद में वह रकम भी नहीं मिली।

धमकी और मजदूरों को डराने का आरोप

परमेश्वर जोशी के अनुसार, जब उन्होंने पैसे मांगे तो रामलाल जाट गुस्से में आ गए और अपने राजस्व मंत्री पद की धौंस दिखाने लगे। 17 जून 2022 को उन्होंने माइंस पर काम कर रहे मजदूरों को डरा-धमकाकर वहां से भगा दिया।

परमेश्वर ने करेड़ा थाने में इसकी शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए।

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कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई FIR

कोर्ट के आदेश के बाद 17 सितंबर 2022 को करेड़ा थाने में पूर्व मंत्री रामलाल जाट सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। दर्ज एफआईआर में रामलाल जाट (प्रतापपुरा), पूरणलाल (ज्ञानगढ़), सूरज जाट (प्रतापपुरा), महिपाल सिंह (अंटाली) और महावीर प्रसाद (प्रतापपुरा) का नाम शामिल है।अब, हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई इस पूरे मामले की जांच करेगी।

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