राजस्थान BJP में जिलाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया तय समयसीमा में पूरी नहीं हो सकी। प्रदेश में कुल 44 जिलों में से केवल 27 जिलों में ही जिलाध्यक्ष का चुनाव संभव हो पाया, जबकि 17 जिलों में चुनाव अब भी अटका हुआ है। ऐसे में पार्टी अब इन जिलों में चुनाव के बजाय नियुक्ति की प्रक्रिया अपनाने जा रही है। इस निर्णय के पीछे विभिन्न जिलों में स्थानीय स्तर पर गुटबाजी, असहमति और संगठनात्मक खींचतान जैसी वजहें बताई जा रही हैं।
इन 27 जिलों में हुए चुनाव में इन्हें मिली जिम्मेदारी
अलवर दक्षिण अशोक गुप्ता, अलवर उत्तर महासिंह चौधरी, भरतपुर शिवानी दायमा, अजमेर शहर रमेश सोनी, अजमेर देहात जीतमल प्रजापत, हनुमानगढ़ प्रमोद डेलू, नागौर शहर रामधन पोटलिया, बाड़मेर अनंतराम बिश्रोई, कोटा शहर राकेश जैन, कोटा देहात प्रेम गोचर, बीकानेर देहात श्याम पंचारिया, श्रीगंगानगर शरणपाल सिंह मान, बालोतरा भरत मोदी, नागौर देहात सुनीता माहेश्वरी (संघड़), जोधपुर शहर राजेन्द्र पालीवाल, जोधपुर देहात दक्षिण त्रिभुवन सिंह भाटी, जैसलमेर दलपत सिंह हिंगड़ा, पाली सुनील भंडारी, सीकर मनोज बाटड़, जालोर जसराज राजपुरोहित, राजसमंद जगदीश पालीवाल, चुरू बसंत शर्मा, जयपुर देहात दक्षिण राजेश गुर्जर, उदयपुर शहर गजपाल सिंह राठौड़, उदयपुर देहात पुष्कर तेली, बांसवाड़ा पूंजीलाल गायरी, सिरोही रक्षा मंडा को पार्टी ने जिम्मेदारी दी है।
इन जिलों में नहीं हुआ चुनाव, अब सीधे नियुक्तियां होंगी
अब तक जयपुर शहर, जयपुर देहात उत्तर, बीकानेर शहर, झुंझूनूं, दौसा, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, जोधपुर उत्तर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बारां, बूंदी और झालावाड़ में जिलाध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया है। इन जिलों में पार्टी अब चुनाव प्रक्रिया से हटकर सीधे नियुक्ति करने का निर्णय ले चुकी है। नव-निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष इन जिलों में नियुक्तियां करेंगे, जिससे संगठन में स्थिरता लाई जा सके।
प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन भी टल सकता है, मदन राठौड़ का चुना जाना तय
बीजेपी में प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन की डेडलाइन 5 फरवरी तय की गई है, लेकिन अब इसके आगे बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि इस पद पर मदन राठौड़ का चुना जाना लगभग तय है। हालांकि, मदन राठौड़ संसद सत्र में भाग लेने के लिए अगले दो दिन दिल्ली में रहेंगे, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी विधानसभा सत्र को लेकर व्यस्त हैं।
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प्रदेश नेतृत्व की कोशिश – कुछ और जिलों में चुनाव कराए जाएं
बीजेपी नेतृत्व चाहता है कि प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन से पहले कुछ और जिलों में चुनाव करवा लिए जाएं। इसके लिए सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी संगठन की प्राथमिकता है कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद प्रदेश नेतृत्व को मजबूती दी जाए, ताकि आगामी चुनावों की तैयारियों को धार दी जा सके। ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन तय डेडलाइन पर होना मुश्किल लग रहा है।