राजस्थान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निदेशालय ने राज्य के 25 जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) की गंभीर लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है। इन अधिकारियों पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (ANM) के रिक्त पदों की रिपोर्ट समय पर नहीं भेजने और पदस्थापन प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है। इस लापरवाही के चलते राजस्थान सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय की ओर से इन अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्ट जवाब मांगा (Issued notice and asked for clear answer) गया है।
ANM पदों की रिपोर्ट में देरी और गलत पदस्थापन
चिकित्सा विभाग के निर्देशों के तहत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों की सूचना सभी जिलों के CMHO से मांगी गई थी। इसका उद्देश्य नवचयनित अभ्यर्थियों का सही पदस्थापन करना था। लेकिन कई जिलों के CMHO ने समय पर रिपोर्ट नहीं भेजी और कुछ ने गलत तरीके से पदस्थापन कर दिया। इसके परिणामस्वरूप कई नवचयनित कर्मियों की नियुक्ति नहीं हो पाई।
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर राकेश कुमार शर्मा द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि सभी CMHO को रिक्त पदों की सही जानकारी देकर इसे “राज हेल्प पोर्टल” पर लॉक करना था। इसके बाद पोर्टल पर लॉक किए गए पदों का पुनः परीक्षण कर गलत लॉक किए गए पदों को अनलॉक करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन निर्देशों के बावजूद CMHO की ओर से लापरवाही बरती गई। इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि 96 नवचयनित कर्मियों का पदस्थापन सही समय पर नहीं हो सका।
स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने दिए सख्त निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सख्त एक्शन के निर्देश दिए हैं। मंत्री खींवसर ने कहा कि यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है, ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित जिलों के CMHO के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
इन 25 जिलों के CMHO पर होगी कार्रवाई
जिन 25 जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित है, उनमें अलवर, अनूपगढ़, बालोतरा, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, गंगापुर सिटी, हनुमानगढ़, जयपुर, झालावाड़, जोधपुर ग्रामीण, करौली, कोटा, फलोदी, सलूंबर, सवाई माधोपुर, शाहपुरा, सिरोही, टोंक और उदयपुर शामिल हैं। इन जिलों में CMHO की लापरवाही के चलते रिक्त पदों की सही रिपोर्ट समय पर नहीं दी गई, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हुई।
96 कर्मियों की नियुक्ति प्रभावित
मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की लापरवाही का असर यह हुआ कि 96 नवचयनित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का पदस्थापन सही समय पर नहीं हो सका। इनमें से कई अभ्यर्थी अब तक अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीर प्रशासनिक चूक माना है और इस मुद्दे पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही है।
मंत्री की नाराजगी के बाद बढ़ी कार्रवाई की संभावना
स्वास्थ्य मंत्री की नाराजगी के बाद विभागीय कार्रवाई की संभावना काफी बढ़ गई है। मंत्री ने स्पष्ट किया है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पर और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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भविष्य में लापरवाही रोकने के लिए कदम
इस घटना के बाद चिकित्सा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि भविष्य में पदस्थापन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। विभाग ने सभी जिलों के CMHO को निर्देश दिया है कि वे हर प्रकार की सूचना समय पर उपलब्ध कराएं और निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा, विभाग ने भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।