चूरू जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 18 वर्षीय युवक का गला और हाथ चाइनीज मांझे से कट गया (18 year old youth’s throat and hand were cut with a Chinese manjha)। यह हादसा तब हुआ जब युवक अपनी बाइक पर दुकान से घर लौट रहा था। लहूलुहान हालत में उसने खुद को संभालते हुए डीबी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचकर अपनी जान बचाई (Saved his life by reaching the emergency ward of DB Hospital)। अस्पताल पहुंचते ही उसने अपने परिजनों को सूचना दी। परिजनों के पहुंचने के बाद युवक का तुरंत इलाज शुरू किया गया। डॉक्टरों ने युवक के गले पर आठ और हाथ में चार टांके लगाए हैं। फिलहाल युवक की स्थिति स्थिर बताई जा रही है। इस घटना से परिजनों में गहरा आक्रोश है, जिन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को चाइनीज मांझे की बिक्री (Sale of Chinese horseradish) के बारे में पूरी जानकारी है, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
घटना की पूरी जानकारी
अस्पताल में मौजूद वार्ड 38 निवासी तैयब अली ने बताया कि उनका 18 वर्षीय पोता जोयान सैय्यद दुकान से घर लौट रहा था। जब वह सुराणा आईस फैक्ट्री के पास से गुजर रहा था, तभी अचानक चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। मांझे से उसका गला कटने लगा, और खुद को बचाने के प्रयास में उसने अपने हाथ से मांझे को हटाने की कोशिश की, जिससे उसकी उंगलियां भी कट गईं। गले और हाथ से खून बहने के बावजूद जोयान ने साहस दिखाते हुए तुरंत एक निजी वाहन से अस्पताल पहुंचकर इमरजेंसी वार्ड में अपनी हालत बताई। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने बिना देर किए उसका उपचार किया।
एक अन्य बच्चे की भी उंगली कटी
इस घटना के कुछ समय बाद अस्पताल में वार्ड 40 निवासी आठ वर्षीय मोहम्मद आहिल कुरैशी भी चाइनीज मांझे से घायल होकर पहुंचा। आहिल के पिता ने बताया कि वह छत पर पतंग उड़ा रहा था, तभी एक कटी पतंग पकड़ने के प्रयास में उसकी उंगली मांझे से कट गई। डॉक्टरों ने आहिल के हाथ में भी दो टांके लगाए। इस घटना ने एक बार फिर चाइनीज मांझे के खतरनाक प्रभाव को उजागर किया है, जिससे छोटे बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं।
बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है प्रतिबंधित चाइनीज मांझा
घायल बच्चों के परिजनों ने बताया कि चूरू जिले के बाजार में खुलेआम चाइनीज मांझा बिक रहा है। परिजनों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और पुलिस को पूरी जानकारी है कि कहां-कहां यह मांझा बेचा जा रहा है, लेकिन वे केवल खानापूर्ति के लिए कुछ दर्जन मांझे की चरखियां जब्त कर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेते हैं। परिजनों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
घटनाओं के बाद से स्थानीय लोगों और परिजनों में प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल बड़ी मात्रा में मांझा जब्त करे, बल्कि इसकी अवैध बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करे। इस तरह की घटनाएं तब तक नहीं रुकेंगी जब तक प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाएगा। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या को तुरंत संज्ञान में लेकर कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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क्या है चाइनीज मांझे का खतरा?
चाइनीज मांझा पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक बेहद धारदार धागा होता है, जो प्लास्टिक और कांच के बारीक टुकड़ों से लैस होता है। इसकी तीव्र धार के कारण यह बेहद खतरनाक साबित होता है। यह न केवल पतंगबाजों के लिए बल्कि सड़क पर चलने वाले आम लोगों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।