अगर आप गोल्ड लोन (Gold Loan) लेने की सोच रहे हैं, तो आपको बेहद सतर्क रहना होगा। राजस्थान के पाली जिले में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों की चिंता बढ़ा दी है। इस घटना में बैंक कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों के लॉकर में रखे असली सोने के गहनों की जगह नकली गहने रख दिए गए। धोखाधड़ी का यह मामला (This is a case of fraud) सामने आने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पीड़ित ग्राहकों ने ब्रांच मैनेजर समेत चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज (Complaint filed against four people including branch manager) करवाई है।
कैसे हुई 1.25 करोड़ की धोखाधड़ी?
पाली जिले के सोजत सिटी स्थित धन वर्षा गोल्ड लोन ब्रांच (Dhan Varsha Gold Loan Branch) से कुछ ग्राहकों ने लोन लेने के लिए अपने सोने के गहने गिरवी रखे थे। लेकिन उनकी जानकारी के बिना बैंक कर्मचारियों ने लॉकर से असली गहने निकालकर नकली गहनों से बदल दिया। इस धोखाधड़ी का शिकार चांदनी गहलोत, हितेश टांक, सत्यनारायण टांक, किशनलाल इशिता गहलोत और अमरचंद जैसे कई ग्राहक हुए। पीड़ितों ने जब गहनों की वापसी के लिए बैंक से संपर्क किया, तो उन्हें इस घोटाले की जानकारी मिली।
ग्राहकों की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
शिकायत मिलने के बाद सिरोही जिले के चोटिला निवासी किशनलाल मेघवाल ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में बताया गया कि 21 नवंबर 2024 को ग्राहकों की लगातार शिकायतों के चलते रिजनल मैनेजर राजेंद्र सिंह अचानक सोजत ब्रांच का निरीक्षण (Regional Manager Rajendra Singh suddenly inspected Sojat branch.) करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान कई गोल्ड और बिजनेस लोन ओवरड्यू पाए गए। जब ग्राहकों से बातचीत की गई, तो गड़बड़ी की आशंका को बल मिला।
ऑडिट में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
ग्राहकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बैंक मुख्यालय ने 22 नवंबर 2024 को ऑडिट टीम भेजी। ऑडिट टीम ने जब लॉकर की जांच की, तो स्थिति और भी अधिक गंभीर निकली। ग्राहकों के कुल 11 पैकेट गायब मिले, जबकि 7 पैकेट में नकली गहने पाए गए। जांच के दौरान यह भी पता चला कि गहनों के पैकेट पर ऑडिटर के हस्ताक्षर फर्जी थे। पूरी जांच में 1 करोड़ 25 लाख 67 हजार 362 रुपये की धोखाधड़ी सामने आई।
चार बैंक कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज
जांच में यह स्पष्ट हो गया कि धोखाधड़ी में बैंक के ब्रांच मैनेजर कुलदीप गिरी, सहायक ब्रांच मैनेजर अंकिता गहलोत, कैशियर यश कुमार और सेल्स मैनेजर आदित्य टांक की मिलीभगत थी। इन सभी पर धोखाधड़ी, बैंक की साख को नुकसान पहुंचाने और अमानत में खयानत का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है।
धोखाधड़ी के मामले के बाद लोगों में बढ़ी चिंता
यह मामला सामने आने के बाद से पाली जिले में हड़कंप मच गया है। लोगों के बीच यह डर फैल गया है कि गोल्ड लोन (Gold Loan) लेने पर उनकी मेहनत की कमाई कहीं लूट न जाए। बैंक प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लोगों का बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा बना रहे।
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गोल्ड लोन लेने वालों के लिए जरूरी सलाह
इस घटना के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड लोन (Gold Loan) लेने से पहले बैंक की विश्वसनीयता की जांच कर लें।
- बैंक द्वारा गहनों की सुरक्षा को लेकर दी जाने वाली गारंटी की जानकारी लें।
- बैंक से लिखित में गहनों की सुरक्षा का प्रमाण पत्र जरूर लें।
- अगर कोई भी गड़बड़ी का संदेह हो, तो तुरंत पुलिस और संबंधित बैंक मुख्यालय को सूचित करें।
यह मामला एक चेतावनी है कि वित्तीय मामलों में सतर्कता बेहद जरूरी (Vigilance in financial matters is very important) है। गोल्ड लोन लेने वालों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।