बूंदी। जिले में साइबर ठगी की बड़ी वारदात का खुलासा (Major incident of cyber fraud exposed) हुआ है, जिसमें साइबर क्राइम थाना पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 61.80 लाख रुपये नगद बरामद (Rs 61.80 lakh cash recovered) किए हैं और 74 लाख रुपये की राशि बैंक खातों में फ्रीज (Amount of Rs 74 lakh frozen in bank accounts) करवा दी है। पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार ने इस सनसनीखेज मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जजावर गांव के 23 वर्षीय दुर्गाशंकर योगी को उसके बाड़े में बने एक कमरे से गिरफ्तार किया गया। पुलिस को इस कमरे से 61 लाख 80 हजार रुपये की नगद राशि बरामद हुई, जो आरोपी ने साइबर ठगी (cyber fraud) से अर्जित की थी।
इस मामले की शुरुआत 18 दिसंबर को हुई, जब ऑलइनवन हेक्स ओपीसी नामक एक मार्केटिंग कंपनी (A marketing company called AllinOne Hex OPC) के अधिकारी ने साइबर क्राइम थाने में एक प्रकरण दर्ज करवाया। शिकायत में बताया गया कि उनकी वेबसाइट लूडो प्लेयर डॉट कॉम (ludo player dot com) को हैक करके करोड़ों रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिए गए है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला साइबर नोडल अधिकारी एवं अनुसंधान अधिकारी अरुण कुमार आरपीएस ने टीम का गठन कर जांच शुरू की। हेड कांस्टेबल मुकेन्द्रपाल सिंह ने अपनी सूझबूझ से पता लगाया कि सबसे अधिक राशि, करीब 52 लाख रुपये, एक ही बैंक खाते में जमा की गई थी।
जांच के दौरान यह खाता एक्सिस बैंक का निकला। बैंक से केवाईसी दस्तावेज प्राप्त कर जब खाता धारक की जानकारी ली गई, तो पता चला कि यह खाता जजावर गांव के दुर्गाशंकर योगी के नाम पर है। पुलिस ने पाया कि आरोपी पिछले कुछ महीनों से लगातार अपने खाते में बड़ी राशि स्थानांतरित कर रहा था।
आरोपी ने तीन से चार दिनों के भीतर अपने परिवारजनों और मित्रों के खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए और उनमें से 61 लाख 80 हजार रुपये की नगद निकासी कर ली। पुलिस ने इन खातों में मौजूद 74 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया है। इस पूरी कार्रवाई में आरपीएस अनुसंधान अधिकारी एवं साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार, सहायक उप-निरीक्षक श्याम सुंदर, सउनि रोशनलाल, कांस्टेबल शैलेन्द्र सिंह, बृजपाल, सुभाष, महेंद्र, राहुल, रामप्रताप, लालसिंह आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
जब साइबर पुलिस ने आरोपी को जजावर स्थित उसके घर के पास बने बाड़े से गिरफ्तार किया, तो बाड़े के एक कमरे से भारी मात्रा में नगदी बरामद हुई। बरामद राशि इतनी अधिक थी कि गिनती के लिए दो बैंक कर्मियों को मशीन के साथ बुलाना पड़ा। पुलिस को नगदी गिनने में ही दो घंटे से अधिक का समय लग गया।
इस मामले में चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी दुर्गाशंकर ने ठगी का यह तरीका किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं सीखा, बल्कि यूट्यूब चैनल देखकर उसने यह तरीका सीखा था। आरोपी ने इंटरनेट पर साइबर ठगी के कई तरीके खोजे और जब उसे हेक्स ओपीसी की वेबसाइट लूडो प्लेयर डॉट कॉम में एक तकनीकी खामी का पता चला, तो उसने उस खामी का फायदा उठाते हुए करोड़ों रुपये की राशि अपने और अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर ली। उसने यह सारा काम अकेले ही अंजाम दिया और इसके लिए किसी अन्य व्यक्ति की मदद नहीं ली।
पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी ने ठगी से अर्जित संपत्ति को छुपाने के लिए अपने बाड़े में एक गुप्त स्थान बनाया हुआ था, जहां से यह भारी मात्रा में नगदी बरामद हुई। पुलिस अब इस मामले में आरोपी के परिवारजनों और मित्रों की भी भूमिका की जांच कर रही है, जिनके खातों में ठगी की राशि ट्रांसफर की गई थी।
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साइबर ठगी की इस बड़ी वारदात ने जिले में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस इस मामले को पूरी गंभीरता से लेते हुए हर पहलू की जांच कर रही है ताकि इस तरह के साइबर अपराधों पर रोक लगाई जा सके। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं, जिनका पता आगामी जांच के दौरान चलेगा।