राजस्थान के बीकानेर जिले में भाजपा के एक प्रमुख नेता के घर पर बुलडोजर चलने की घटना ने राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना में न केवल भाजपा नेता के घर का एक हिस्सा तोड़ा गया, तो उनके गुस्से का ज्वार भी फूट पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उनकी पोस्ट में उन्होंने अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा पर तीखा हमला बोला और लिखा, “आज हमारा घर टूटा है, कल तुम्हारा गुरूर टूटेगा।”
बीकानेर के राजेरा गांव में यह घटना उस वक्त हुई जब सड़क चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने का काम किया जा रहा था। स्थानीय प्रशासन ने बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई करते हुए गांव के करीब 80 घरों को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान भाजपा नेता और सोशल मीडिया सेल के संभाग संयोजक कोजूराम सारस्वत के घर को भी निशाना बनाया गया। उनके घर की चारदीवारी, एक कमरा और टॉयलेट तोड़ दिए गए। इस कार्रवाई के बाद सारस्वत का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
सारस्वत ने आरोप लगाया कि राजेरा गांव से गुजरने वाले नेशनल हाईवे को गांव के अंदर से निकालने की बजाय बाहर से निकाला जा सकता था, जिससे इतने घरों को नुकसान नहीं पहुंचता। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 20 फीट की रोड को 40 फीट किया जा रहा है, जो कि अनावश्यक है। सारस्वत ने अपनी बात को मजबूती से रखने के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ से भी बातचीत की है।
बुलडोजर एक्शन और सोशल मीडिया पर विवाद
इस घटना के बाद सारस्वत की सोशल मीडिया पोस्ट ने आग में घी का काम किया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस पोस्ट को जमकर वायरल किया और भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया है। कांग्रेस ने इसे भाजपा की अंतर्कलह का प्रमाण बताया और इसे जनता के लिए एक चेतावनी बताया कि भाजपा सरकार अपने ही नेताओं के घरों को बचाने में असफल है।
इस पूरे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, जो कि बीकानेर से ही सांसद हैं, ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। वहीं, सुमित गोदारा की तरफ से भी अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन जिस तरह से यह मामला तूल पकड़ रहा है, उससे साफ है कि इसे दबाना आसान नहीं होगा।
80 घरों की तबाही और ग्रामीणों का गुस्सा
राजेरा गांव में 80 घरों को ध्वस्त किए जाने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उनके घरों को तोड़ने का यह फैसला न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इसे साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। उनका आरोप है कि सड़क को गांव के बाहर से निकालने का विकल्प होने के बावजूद सरकार ने उनके घरों को निशाना बनाया।
भाजपा नेता सारस्वत ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई से आम जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष बढ़ेगा। उन्होंने इसे सरकार की विफलता और अनावश्यक ताकत प्रदर्शन बताया।
विपक्ष ने साधा निशाना, भाजपा में मतभेद उजागर
इस घटना ने भाजपा के भीतर की कलह को भी उजागर कर दिया है। कांग्रेस ने इसे भाजपा की अंदरूनी लड़ाई का परिणाम बताया और जनता के सामने इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार न केवल जनता के हितों की अनदेखी कर रही है, बल्कि अपने ही नेताओं को भी नहीं बख्श रही।
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इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां एक तरफ भाजपा नेता अपने ही सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे जनता के मुद्दों से जोड़कर सरकार को घेरने की तैयारी में है।