अजमेर। राजस्थान में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर हुई एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश (Cyber fraud exposed) करते हुए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया (15 accused arrested) है। यह मामला अजमेर की एक वृद्ध महिला से जुड़े साइबर ठगी (Cyber fraud related to old woman) के संगठित गिरोह का है, जिसने मात्र एक सप्ताह के भीतर 80 लाख रूपये की ठगी (fraud of 80 lakh rupees) की। आरोपियों ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी (Mumbai cyber crime officer) बताकर महिला को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर मोटी रकम वसूल की (A huge amount was collected on the pretext of digital arrest on WhatsApp video call)।
कैसे हुआ मामला उजागर?
एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक वी.के. सिंह ने बताया कि यह मामला 23 नवंबर 2024 से 30 नवंबर 2024 के बीच घटित हुआ। आरोपियों ने वृद्ध महिला को वाट्सएप वीडियो कॉल कर साइबर अपराध का झूठा आरोप लगाते हुए डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) का दावा किया। महिला को धमकाकर उससे पैसे ट्रांसफर करवा लिए गए। मामला उजागर होने के बाद अजमेर पुलिस ने इसे साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, एसओजी, जयपुर को ट्रांसफर किया।
जांच के दौरान पाया गया कि ठगी गई राशि को 150 से अधिक बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। मनी ट्रेल का विश्लेषण करते हुए संदिग्ध खाताधारकों और राशि के उपयोग का पता लगाया गया। इस दौरान खुलासा हुआ कि ठगी की रकम को नगद निकालकर उसे यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी (usdt crypto currency) में बदल दिया गया था।
गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क
इस मामले में एसओजी ने उन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जो साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। गिरफ्तार आरोपियों में राकेश, दिलीप, सुमर्थ, रजनेश, अंकित, राहुल, और मनराज शामिल हैं। ये लोग अपने खातों की किट (पासबुक, डेबिट कार्ड, चेकबुक आदि) दिलखुश नामक आरोपी को सौंपते थे।
इसके बाद दिलखुश, संजीत, चैनसिंह, और संदीप जैसे बड़े ऑपरेटर्स को ये किट उपलब्ध कराते थे। ये ऑपरेटर्स ठगी की राशि को नगद में बदलते और तरुण, देवेंद्र सिंह, विनेश कुमार, और बृज किशोर के माध्यम से इसे क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित कराते थे।
ठगी की राशि का उपयोग
ठगी से हासिल की गई रकम को गिरोह के सदस्य अपने महंगे शौक पूरे करने में खर्च करते थे। इनमें लग्जरी गाड़ियां, महंगे गैजेट्स, और अन्य विलासितापूर्ण चीजें शामिल हैं।
यह किया बरामद
एसओजी ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 13 लाख रूपये की नगदी बरामद की है। इसके अलावा 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक, 15 चेकबुक, 16 सिम कार्ड, 13 पैन और आधार कार्ड, एक लैपटॉप और एक स्विफ्ट डिजायर कार भी जब्त की गई है।
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जांच के दौरान यह भी सामने आया कि यह गिरोह देशभर में कई साइबर ठगी के मामलों में शामिल हो सकता है। एसओजी अब इनकी अन्य गतिविधियों की जांच कर रही है।