जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने अपनी पहली वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा (Big gift announcement) की है। सरकार ने 15 दिसंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविरों’ (‘Chief Minister Ayushman Health Camps’) का आयोजन करने का फैसला लिया है। इन शिविरों में 37 प्रकार की चिकित्सा जांचों की मुफ्त सुविधा (Free facility of 37 types of medical tests in camps) उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल राज्यभर के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित होगी, जिसमें हर वर्ग के लोग हिस्सा लेकर लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
शिविरों की तैयारी और दिशा-निर्देश
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की अगुवाई में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने की योजना बनाई गई है। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे संबंधित विभागों के साथ तालमेल बनाकर शिविरों में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इन शिविरों का उद्देश्य केवल जांच ही नहीं, बल्कि समय पर इलाज और फॉलोअप की व्यवस्था करना भी है। इसके लिए विशेष प्रबंधन और समन्वय स्थापित किया जाएगा।
आयुष और एलोपैथी का समन्वय
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि इन शिविरों में एलोपैथी और आयुष पद्धति दोनों के माध्यम से रोगियों का इलाज किया जाएगा। इस पहल से वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को भी बढ़ावा मिलेगा। शिविरों में आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ डॉक्टर टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से भी उपलब्ध रहेंगे। यह सुविधा खासतौर पर उन रोगियों के लिए है, जिन्हें विशेषज्ञ देखभाल की आवश्यकता होगी।
जांच और इलाज की विस्तृत व्यवस्था
इन शिविरों में गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व जांच, बच्चों का टीकाकरण, असंक्रामक रोगों जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कॉमन कैंसर और अंधता से संबंधित स्क्रीनिंग की जाएगी। यदि किसी मरीज को उच्च चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होगी, तो उसे एम्बुलेंस के माध्यम से नजदीकी हायर मेडिकल सेंटर ले जाया जाएगा।
फॉलोअप और विशेषज्ञ सेवाएं
शिविरों के बाद भी रोगियों का इलाज सुनिश्चित करने के लिए पंचायत समिति मुख्यालयों और जिला स्तर पर फॉलोअप शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे और टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से अतिविशिष्ट सेवाएं भी दी जाएंगी। दिव्यांगजन के लिए मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच कर यूडीआईडी प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
एक व्यापक स्वास्थ्य अभियान
यह योजना केवल एक चिकित्सा पहल नहीं है, बल्कि एक व्यापक स्वास्थ्य अभियान है, जो न केवल तत्काल इलाज बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य देखभाल पर भी जोर देती है। राज्य सरकार का यह प्रयास आमजन को न केवल बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।
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राजस्थान के नागरिक इस पहल से अत्यधिक लाभान्वित होंगे, खासकर वे जो ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रहते हैं और जिनके पास उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच है। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य शिविर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता दी जाए।