जयपुर। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक (Cabinet Meeting) में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देना है। मंत्रिमंडल ने 9 नई नीतियों को मंजूरी दी(Cabinet approved 9 new policies), जिनमें एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्धन नीति, और एक जिला एक उत्पाद नीति शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया है, जो इन शहरों में विकास को सुव्यवस्थित और नियोजित तरीके से लागू करेगा।
सरकार ने खेमराज समिति की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए राजस्थान सिविल सेवा नियम-2017 में संशोधन किया है। इसके साथ ही, “राजस्थान प्रोहेबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन बिल 2024” का प्रस्ताव भी लाया जाएगा, जिससे प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मान्तरण को रोकने के प्रयास किए जाएंगे।
इसके अलावा, पर्यटन, एनिमेशन, और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में नई नीतियां बनाई गई हैं, जिनसे राज्य में नई संभावनाओं और विकास की दिशा खुलेगी। खासकर पर्यटन के क्षेत्र में इको टूरिज्म, फिल्म सिटी और हेरिटेज रेस्टोरेंट जैसी नई इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा। अक्षय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 125 गीगावाट तक ले जाने के लिए एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति बनाई गई है, जबकि खनिज नीति के तहत अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
नई नीतियों को मंजूरी- राज्य में औद्योगिक विकास, स्थानीय पर्यटन, छोटे उद्योगों और हस्तशिल्प (Industrial development, local tourism, small scale industries and handicrafts) को बढ़ावा देने के लिए 9 नई नीतियों को मंजूरी दी गई। इनमें एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्धन नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, और पर्यटन इकाई नीति शामिल हैं।
धर्मांतरण रोकने के लिए विधेयक- प्रलोभन या कपटपूर्वक धर्मांतरण को रोकने के लिए द राजस्थान प्रोहेबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल 2024 विधानसभा में पेश किया जाएगा।
विकास प्राधिकरण के लिए अध्यादेश- बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरण के गठन के लिए अध्यादेश लाया जाएगा, जिससे इन शहरों में सुव्यवस्थित विकास होगा।
खेमराज समिति की सिफारिशें- खेमराज समिति की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर किया गया।
राजस्थान एमएसएमई नीति 2024- इस नीति से छोटे उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाएगा। इसमें ऋण पर ब्याज अनुदान, विपणन सहायता, और तकनीकी उन्नयन के लिए अनुदान की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
निर्यात संवर्धन नीति- राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिनमें दस्तावेजीकरण पर सहायता, अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी पर अनुदान, और सर्टिफिकेशन पर पुनर्भरण शामिल हैं।
एकीकृत क्लस्टर विकास योजना- इस योजना के तहत हस्तशिल्प और हथकरघा उद्यमों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण, सामूहिक उत्पादन और मार्केटिंग की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
अक्षय ऊर्जा नीति- राजस्थान ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी क्षमता को 125 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन और बैटरी स्टोरेज परियोजनाएं शामिल हैं।
खनिज नीति- नई खनिज नीति के तहत खनन उद्योग में रोजगार सृजन और अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के उपाय किए जाएंगे।
पानी आपूर्ति और स्वच्छता- वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुभव की शर्तों को हटाया गया, जिससे भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी।
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यह बैठक प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण को एक नया दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।