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घटना के 20 दिन बाद भी समरावता में पुलिस की बर्बरता के चिन्ह जिंदा – गुंजल

Even after 20 days of the incident, signs of police brutality are still alive in Samravata - Gunjal

टोंक/कोटा, (चेतन वर्मा)। घटना के 20 दिन बाद भी समरावता में जो चिन्ह जिंदा है गाड़ियों के जले हुए ढेर, महिलाओं के टूटे हुए हाथ पैर, आंसू गैस के गोलों के ढेर वह इस बात की गवाही दे रहे हैं कि ऐसा जुल्म फिरंगी राज में पुलिस किया करती थी। लोकतंत्र में जनता की माल व जीवन की रक्षा का दायित्व जिस पुलिस पर है उस पुलिस ने ही लोगों के घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों को जलाया, लोगों की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया, घरों में घुसघुस कर गाड़ीयो, टीवी, सोफा सहित सामानों को तोड़ा, महिलाओं पुरुषों, बच्चों किसी को भी नहीं बक्शा यह जुल्म की दास्तान अंग्रेजों के राज की याद को ताजा कर रही है यह बात शनिवार को पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने समरावता में पीड़ितों से मिलकर व घटना की जानकारी लेने के बाद कही।

गुंजल ने कहा कि एक महिला मेरे सामने दहाड़े मारकर रोते हुए बोली मैं उस दिन घर के अंदर थी मेरा बेटा भी घर पर सो रहा था पुलिस ने घर के अंदर आकर हमारे साथ मारपीट की सामानों को तोड़ा व मेरे बेटे को उठाकर ले गए मेरा बेटा आज भी जेल में है। एक मां कहती है कि मेरे दो बेटे हैं उनकी शक्ल देख मुझे आज 15 दिन से भी ज्यादा हो गए हैं, गांव की माता बहनों की दस्ताने अंग्रेजों के राज में हुए जुल्मों को ताजा कर रही हैं।

गुंजल ने कहा कि कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल जी मीणा व जवाहर सिंह बैढम जी भी गांव में आए थे मैं उनसे पूछ रहा हूं की समरावता के लोगों को न्याय दिलाने के लिए आपने क्या किया और आप क्या कर रहे हैं। केवल कौरे आंसू पहुंचने से काम नहीं चलेगा, घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर आप कब कार्यवाही करेंगे व ग्रामीणों को हुए नुकसान की भरपाई व न्याय कब तक दिलाएंगे।

गुंजल ने कहा कि लोगों ने घरों की छत से कूदकूद कर तालाब में कूद कर जान बचाई है उन्होंने कहा कि ऐसा क्या हो गया था ।ग्रामीणों को अपनी मांग मनवाने के लिए मतदान का बहिष्कार करना पड़ा क्या यह बहुत बड़ा अपराध हो गया था लोकतंत्र में मतदान करना व न करना मतदाता का अपना अधिकार है उन्होंने कहा बाद में भी सरकार ने ग्रामीणों की मांगों को उचित मानते हुए माना यदि समय रहते उनकी मांग सरकार द्वारा मान ली जाती तो शायद यह घटना ही नहीं घटती।

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गुंजल ने कहा कि में शीघ्र ही प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा जी से बात करूंगा कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है जैसे भी दिशा निर्देश प्रदेश अध्यक्ष जी से मिलेंगे आगे की रणनीति तय करेंगे।

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