जयपुर। राजस्थान में नर्सिंग ऑफिसर्स के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर विवाद सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर राजस्थान नर्सिंग ऑफिसर यूनियन (Rajasthan Nursing Officer Union) ने सचिवालय में प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा विभाग, गायत्री राठौड़ को ज्ञापन सौंपा। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेजों और सीएमएचओ के अधीन प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा नर्सिंग ऑफिसर्स के साथ मनमानी तरीके से भेदभाव किया जा रहा है।
हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी
चौधरी ने बताया कि प्लेसमेंट एजेंसियां बिना किसी ठोस कारण के नर्सिंग ऑफिसर्स को स्थानांतरित कर देती हैं, जबकि हाईकोर्ट (High Court) का स्पष्ट आदेश है कि संतोषजनक कार्य कर रहे कर्मचारी को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। यह नियमों का उल्लंघन है और कर्मचारियों के अधिकारों का सीधा हनन है। उन्होंने कहा, अगर हालात नहीं सुधरे, तो हमें एक बार फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री से करेंगे मुलाकात
यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma), उपमुख्यमंत्री, और चिकित्सा मंत्री तक लेकर जाएंगे। यूनियन का कहना है कि नर्सिंग ऑफिसर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए वे हरसंभव कदम उठाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का विरोध
यूनियन ने न केवल ट्रांसफर के मुद्दे को उठाया, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले नर्सिंग भर्तियां मेरिट और बोनस अंकों के आधार पर होती थीं, लेकिन अब नियमों में बदलाव कर भेदभावपूर्ण प्रक्रिया लागू की जा रही है। यूनियन ने मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और इसे पूर्व की तरह मेरिट और बोनस अंकों के आधार पर ही किया जाए।