झालावाड़। राजस्थान में झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क्षेत्र में विद्युत विभाग की विजिलेंस टीम (Vigilance team of electricity department) कार्रवाई करने पहुंची। इस बीच विद्युत विभाग के अधिकारी के पास विधायक का फोन आने के बाद गुस्से में तिलमिलाए अधिकारी ने संविदाकर्मी के चप्पल मार दी। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Video viral on social media) हो गया, जिसके बाद विभाग ने अधिकारी को ही कारण बताओं नोटिस (Show cause notice to officer only) इस थमा दिया है। मामले में अधिकारी ने साफ तौर पर कहा है कि इलाके में जबरदस्त विद्युत चोरी है तथा वह जब भी विजलेंस की कार्रवाई करने जाते हैं तो स्थानीय नेता उन्हें कार्रवाई से रोक देते हैं।
मामला भवानी मंडी थाना क्षेत्र के खाता खेड़ी गांव का ह,ै जहां विधुत विभाग विजिलेंस टीम कार्रवाई करने पहुंची। जहां अधिशासी अभियंता शंभू नाथ (Executive Engineer Shambhu Nath) को विधायक ने फोन पर कार्रवाई नहीं करने को कहा (MLA asked not to take action on phone)। वीडियो में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि अधिशासी अभियंता कर्मचारी को खंभे पर चढ़ने के लिए कह रहे हैं लेकिन वह चढ़ नहीं रहा है। ऐसे में जब विधायक ने अधिशासी अभियंता को रोका तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने संविदा कर्मचारी को चप्पल मार दी बाद में संविदा कर्मचारी मौके से भाग गया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
जयपुर डिस्कॉम के अधिशासी अभियंता शंभुनाथ प्रसाद ने बताया कि विभाग की टीम जब भी किसी गांव में कार्रवाई करने जाती है किसी न किसी नेता का फोन आ जाता है और फोन करके कार्रवाई नहीं करने देते। इस गांव में जमीन से मात्र छह फीट उपर 11 केवी लाइन है, जिसके पास महज एक कनेक्शन के लिए 5 केवीए का ट्रांसफार्मर (Transformer) लगा हुआ है। जबकि गांव में दो और ट्रांसफार्मर लगे है। जिनमें एक 10 केवीए पर मात्र तीन और दूसरे 5 केवीए पर तीन कनेक्शन है।
विद्युत विभाग की टीम जिस ट्रांसफार्मर को उतार रही थी वह 11 केवीए लाइन के पास होने से कभी भी हादसे का करण बन सकता है। पहले भी यहां हादसा हो चुका है जिसमें एक आदमी की मौत हुई थी। दूसरी ओर गांव में तीन में से दो ट्रांसफार्मर फर्जी (two transformers fake) है। टीम को इस गांव में फर्जी कनेक्शन मिले है और तीन की वीसीआर भी भरी है।
टीम में भवानीमंडी व सुनेल कनिष्ट अभियंता और सहायक अभियंता भी शामिल थे। टीम की कार्रवाई गलत नहीं है। लेकिन विधायक बिजली चोरी को समर्थन दे रहे हैं। जब भी टीम कार्रवाई करती है विधायक का दबाव आ जाता है। शंभू नाथ ने बताया कि लाइन मेन पर गुस्सा इसलिए आया कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि ट्रांसफार्मर हटाना है, ऐसे में लाइन मेन भी टूटी सीढी के बहाने वह काम करने से इनकार करता रहा।
वहीं, मामले को लेकर विधायक कालूराम मेघवाल ने बताया कि उन्होंने बिजली चोरी पर कार्रवाई (Action on electricity theft) करने से नहीं रोका। गांव के सारे कनेक्शन चालू है और किसी का बिजली का बिल बकाया नहीं है। अभियंता को फोन पर डीपी नहीं हटाने के लिए कहा है। वे इस डीपी को दूसरी जगह ले जाने के लिए इस कनेक्शन को दूसरे ट्रांसफार्मर पर शिफ्ट करना चाहते थे।
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यदि मामले का दूसरा पहलू देखा जाए तो शंभू नाथ ने बड़ी मात्रा में विद्युत चोरों पर कार्रवाई की है। अधिशासी अभियंता शंभू नाथ द्वारा कुछ समय पूर्व भी पूर्व मंत्री नफीस अहमद के आवास पर विजलेंस की कार्रवाई की गई थी। तब भी काफी मामला चर्चा का विषय बना था। सूत्र बताते हैं कि अधिशासी अभियंता शंभू नाथ विजिलेंस के अधिकारी होने के नाते लगातार कार्यवाही करते रहे हैं तथा इस बार भी किसी राजनीतिक रसूख वाले व्यक्ति के यहां कार्रवाई करने पहुंचे थे कि यह मामला हो गया।