राजस्थान के उदयपुर में स्कूली बच्चों के बीच हुई चाकूबाजी के हमलावर आरोपी छात्र के मकान पर बुलडोजर एक्शन हुआ है। अधिकारियों ने मामले में जल्दबाजी दिखाते हुए आरोपी के किराये के घर को ध्वस्त कर दिया। अब सरकार के इस एक्शन पर सवाल उठ रहे है। हालांकि, उच्च अधिकारी इस पर बोलने से बच रहे है। बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से शुक्रवार देर रात आरोपी को मकान खाली करने का नोटिस चस्पा किया गया। इसके बाद पटवारी सुरपाल सिंह सोलंकी ने दो जेसीबी मशीनों को लगाकर आरोपी के पूरे मकान को ध्वस्त कर दिया।
आरोपी का मकान वन विभाग की जमीन पर बनाया गया है। बड़ा सवाल यह है कि उसी मकान पर ये बुलडोजर क्यों चलाया है। जबकि आस-पास के मकान भी वन विभाग की जमीन पर ही बने हुए है। प्रशासन की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है। माना जा रहा है कि जनता के दबाव में प्रशासन ने आनन-फानन में यह कार्रवाई की है। क्योंकि आरोपी छात्र के खिलाफ एक्शन लेने में देरी से भीड़ बेकाबू हो रही थी। ऐसे में प्रशासन ने जल्दबादी में बुलडोजर चला दिया है। अब मामला कोर्ट में जा सकता है।
निगम अधिकारियों ने बताया कि तीन कमरे, एक किचन और एक बेसमेंट में दुकान थी, जिसे गिरा दिया गया है। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं, ड्रोन से पूरी कार्रवाई की निगरानी की गई। आस-पास के घरों की छतों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
दूसरी तरफ इस घटना में घायल युवक के उपचार को लेकर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल विपिन माथुर ने बताया कि युवक के एक पैर के हिस्से में चाकू लगा है। इसके बाद डॉक्टरों ने पूरी सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। माथुर ने बताया कि फिलहाल युवक की स्थिति स्थिर है। उन्होंने बताया कि फिलहाल छात्र वेंटिलेटर पर है और मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले को लेकर जयपुर से तीन विशेष डॉक्टरों की टीम भी भेजी है, जो लगातार घायल युवक का उपचार कर रही है।
देश के भविष्य को नफरत में धकेलने का काम हो रहा है- राजकुमार रोत
दूसरी ओर इस मामले में बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने भी सवाल खड़े किए है। राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा- उदयपुर शहर में स्कूली बच्चों में चाकूबाजी की घटना निंदनीय है। दोषी को कानूनी जो भी सजा है वो मिलनी चाहिये, लेकिन आज भाजपा सरकार ने नाबालिग मुल्जिम के घर पर बुलडोजर चलाकर धर्मवाद का जहर घोलने का काम किया है।
राजस्थान में तलवार से गला कटेगा तो कुछ नहीं चलेगा, चाकू चली तो बुलडोजर चलेगा ? गुनाह गुनाह होता है, और हर गुनाह की सजा एक होनी चाहिए। जाति-धर्म को देखकर बुलडोजर चलाना देश के भविष्य को नफरत में धकेलने का काम हो रहा है।
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क्या लिखा था प्रशासन के नोटिस में?
क्षेत्रीय वन अधिकारी के साइन वाला नोटिस हमलावर छात्र के मकान पर 16 अगस्त 2024 को चस्पा किया गया था, उसमें लिखा है कि, यह मकान अवैध रूप से माछला मगरा की फॉरेस्ट लैंड पर बनाया गया है। यहां पर खुदाई करना, पक्का निर्माण करना या गैर वानिकी कार्य करना, राजस्थान वन अधिनियम 1953 एवं राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। इसीलिए 20 तारीख तक आप स्वयं ही इस वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटा लें। वरना प्रशासन द्वारा बुलडोजर कार्रवाई के जरिए ये अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया जाएगा। इस कार्यवाही के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी क्षति होती है तो इसके लिए परिवार स्वयं ही उत्तरदायी होगा।