जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी मुलाकात की। दिल्ली में सीएम की पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल का फेरबादल (Cabinet reshuffle soon in the state) किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि बदलाव 15 अगस्त के बाद कभी भी हो सकता है। यहां तक कि राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर तो 18 अगस्त को मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हो रही है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने अपने एक दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष (BJP National Organization General Secretary BL Santosh) से करीब 45 मिनट की मुलाकात में प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन के कामकाज को लेकर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट दिल्ली में ठीक नहीं है, ऐसे में इस मुलाकात में इन मंत्रियों का भी फीडबैक लिया गया है। इससे पहले मंत्रियों से जुड़ा एक फीडबैक प्रदेश की सह प्रभारी विजया राहटकर भी दे चुकी हैं। प्रदेश में मंत्रियों के फीडबैक को लेकर दिल्ली में हो रही चर्चा इस बात की ओर इशारा कर रही है कि प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने जा रहा है। मुख्यमंत्री और बीएल संतोष की मुलाकात को मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है। बता दें कि मुख्यमंत्री शर्मा पिछले दिनों राज्यपाल से भी मिल चुके हैं।
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में हुई हार का असर इस मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार (Cabinet reshuffle and expansion) में दिखेगा। जिन विधायकों ने अच्छा परिणाम दिया है, उनको मंत्री पद से नवाजा जा सकता है और जिन मंत्रियों के यहां परिणाम खराब आया और मंत्री के रूप में छह माह की परफार्मेंस भी खराब रही है, ऐसे मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस खराब है, उन मंत्रियों की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा चुकी है। 4 से 5 मंत्रियों के नाम शामिल हैं, इसमें दो कैबिनेट और बाकि राज्य मंत्री हैं। इनमें से कुछ मंत्रियों के अलग-अलग मामलों में शिकायतें दिल्ली में ज्यादा पहुंची हैं, जिसकी पुष्टि राजस्थान से कराई गई है। बीजेपी गलियारों में चर्चा है कि कुछ मंत्रियों की पैसे को लेकर शिकायत दिल्ली पहुंची तो केंद्रीय नेतृत्व ने इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार से मांगी है।
नियमानुसार प्रदेश की सरकार कुल विधायकों के 15 प्रतिशत सदस्य ही मंत्री बना सकती है। प्रदेश की विधानसभा में 200 सदस्य हैं, ऐसे में सीएम सहित कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में भजनलाल सरकार में सीएम सहित 24 मंत्री बने हुए हैं और 6 मंत्री पद खाली हैं।
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वहीं, एक मंत्री किरोड़ी मीणा ने इस्तीफे दे रखा है, जिस पर निर्णय होना बाकी है। ऐसे में यदि सरकार 4 से 5 मंत्रियों को हटाती है तो 9 से 10 नए विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, संभावना यह भी जताई जा रही है कि खाली सभी मंत्री पदों को भरने की जगह दो से तीन मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं, जिन्हें पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद भरा जाए, क्योंकि उपचुनाव में जो जीत कर आएगा वो पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर होगा।