संतोष, विकास और बूंदी फार्मा मेडिकल स्टोर्स पर मेहरबान जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी
बूंदी। औषधि नियंत्रण संगठन (Drug control organization) के जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी की रिपोर्ट पर औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी एवं सहायक औषधि नियंत्रक कोटा प्रहलाद मीणा द्वारा बूंदी जिले के मेडिकल स्टोर्स पर अनियमिताएं पाए जाने पर की जा रही लाइसेंस निरस्त/निलंबित करने की कार्यवाही केवल कागजी ही साबित हो रही है। इसकी पालना जिला औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा नहीं करवाई जा रही है, जिसके चलते लाइसेंस निलंबन अवधि के दौरान भी मेडिकल स्टोर संचालन कर दवाओं का क्रय-विक्रय कर विभाग के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। यह पहला ऐसा मामला नहीं है जब ऐसा हो रहा हो, इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन निलंबन अवधि के दौरान मेडिकल स्टोर खोलने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाती है, जिससे सरकारी आदेश हवा हवाई साबित हो रहे हैं। वहीं एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान की भी पोल खोल रहा है।
जानकारी के मुताबिक जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी रोहिताश्व नागर (District Drug Control Officer Rohitashv Nagar) ने करीब दो माह पूर्व खटखड़ चौराहे पर स्थित संतोष मेडिकल जनरल स्टोर (Santosh Medical General Store) पर कार्यवाही की थी यहां दवाओं का रिकॉर्ड संधारित नहीं मिला और पुरानी और नई किसी भी तरह की बिल बुक नहीं मिली थी। जिसपर उसका लाइसेंस 10 दिन के लिए निलंबित किया और नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। नोटिस का जवाब विभाग को संतोषजनक नहीं देने पर 7 जुलाई से 20 जुलाई तक के लिए संतोष मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित किया गया था, लेकिन फिर भी मेडिकल स्टोर निरंतर संचालित होता रहा।
इसी प्रकार नैनवा रोड शास्त्री नगर में डॉ. मोबिन अख्तर के घर के पास बूंदी फार्मा (Bundi Pharma) के नाम से संचालित मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के संचालित होते मिला था यहां अनियमिताओं के चलते इसका भी लाइसेंस 10 दिन के लिए निलंबित कर 18 जून को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था। उक्त मेडिकल स्टोर पर निरीक्षण के वक्त निरीक्षण पुस्तिका संधारित नहीं पाई गई, निरीक्षण फर्म पर कार्यरत रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट अनुपस्थित थी, निरीक्षण के दौरान रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में फर्म मलिक द्वारा समस्त प्रकार की औषधियां का बैचान विक्रय बिल जारी करना पाया गया, इससे प्रमाणित हुआ की रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में शेड्यूल एच एवं शेड्यूल एच-1 सहित समस्त प्रकार की दवाओं का बैचान फर्म मालिक द्वारा किया गया है। निरीक्षण के दौरान शेड्यूल एच रिकॉर्ड की हार्ड कॉपी भी संधारित नहीं पाई गई। निरीक्षण के दौरान फर्म द्वारा औषधि का विक्रय विवरण भी प्रस्तुत नहीं किया गया। विभाग द्वारा बूंदी फार्मा को नोटिस जारी कर 7 दिवस में लिखित स्पष्टीकरण देने एवं व्यक्तिगत सुनवाई में अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था। जिसका जवाब लाइसेंसी द्वारा 12 जून 2024 को दिया लेकिन उस पर हस्ताक्षर नहीं होने से उसे स्वीकार/ विचार योग्य नहीं माना गया। ऐसे में कार्यवाही करते हुए बूंदी फार्मा का लाइसेंस 15 जुलाई से 24 जुलाई 2024 तक के लिए निलंबित किया गया।
इस प्रकार बूंदी के विकास मेडिकल स्टोर (Vikas Medical Store) महारानी स्कूल के सामने बूंदी पर भी फार्मसिस्ट नहीं मिलने, और सैल प्रचेज पेश नहीं करने पर विकास मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी 15 जुलाई से 3 अगस्त 2024 तक के लिए निलंबित किया हुआ है। लेकिन फिर भी निलबंन अवधी में मेडिकल स्टोर लगातार खुले रहे हैं, दवाओं का क्रय और विक्रय भी कर रहे हैं। इसकी जानकारी जिला औषधि नियंत्रण अधिकारियों को होते हुए भी अनभिज्ञा बने हुए हैं।
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इन्होंने कहा-
कार्यवाही करने के बाद जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी को इन पर निगरानी रखनी चाहिए। निलंबन अवधि के दौरान यदि मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं तो यह गलत ह,ै इनके खिलाफ नियम अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
प्रहलाद मीणा
औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी एवं सहायक औषधि नियंत्रक, कोटा