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राजस्थान की 7 प्राईवेट यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्री बांटने और पीएचडी देने का आरोप, जांच शुरू

जयपुर। भजनलाल सरकार ने प्रदेश की 7 प्राईवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ जांच शुरू (Investigation started against 7 private universities) कर दी है। इन प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ फर्जी तरीके से डिग्री बांटने, बिना मान्यता के कोर्स चलाने के साथ नियमों के खिलाफ जाकर पीएचडी कराने का आरोप (Allegations of fraudulently distributing degrees, running courses without recognition and getting PhD done against the rules) लगा है। इन सात प्राइवेट यूनिवर्सिटी में से तीन यूनिवर्सिटी के खिलाफ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने पत्र लिखा है।

उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक जांच के दायरे में चूरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी, झुंझुनूं की सिंघानिया यूनिवर्सिटी, जयपुर की निर्वाण यूनिवर्सिटी, नीमराना की रैफल्स यूनिवर्सिटी, सिरोही की माधव यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी (OPJS University of Churu, Singhania University of Jhunjhunu, Nirvana University of Jaipur, Raffles University of Neemrana, Madhav University of Sirohi and University of Technology) शामिल है। प्रत्येक यूनिवर्सिटी की जांच के लिए अलग-अलग चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। यह जांच कमेटी फर्जी डिग्री, बिना मान्यता के कोर्स चलाने के अलावा नियम विरूद्ध पीएचडी कराने वाली शिकायतों की जांच करेगी।

वहीं रैफल्स यूनिवर्सिटी, माधव यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी के लिए तो जांच के लिए यूजीसी ने राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये पीएचडी के मामलो की जांच कराने के निर्देश दिए गए है।

आपको बता दे कि बीते दिनों उच्च शिक्षा विभाग ने एक पब्लिक नोटिस के जरिये छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए है। निर्देशों में बताया गया है कि राजस्थान में अब तक 53 निजी विश्वविद्यालय खुल चुके है और कई निजी विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्री बांटने का आरोप लग चुका है, जिनकी जांच प्रक्रिया लंबित है।

उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार ने यह दिशा-निर्देश जारी किए है। निर्देशों में बताया गया है राजस्थान में एसओजी और पुलिस की तरफ से कई निजी विश्वविद्यालयों के फर्जी डिग्री बांटने का भंडाफोड़ किया जा चुका है, इस मामले में कई लोग गिरफ्तार भी हो चुके है। साथ ही आरपीएससी की तरफ से डिग्रियों के जांच सत्यापन में भी फर्जी डिग्री बांटने का भंडाफोड़ हो चुका है।

उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही अनेक निजी विश्वविद्यालय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करके विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित कर रहे है। लेकिन इस विज्ञापनों में न तो प्रवेश हेतु उपलब्ध सीटों की संख्या का उल्लेख किया जा रहा है और ना ही आवेदन की अंतिम तिथि, प्रवेश हेतु चयन का माध्यम आदि का उल्लेख किया जा रहा है।

साथ ही ऐसे पाठ्यक्रमों के लिए भी आवेदन आमंत्रित किये जा रहे है, जिनमें प्रवेश राज्य सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित कर उसके माध्यम से विद्यार्थी आवंटित करके ही प्रवेश दिये जा सकते है।

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उच्च शिक्षा विभाग ने पब्लिक नोटिस में यह सूचित किया है कि अभिभावक और छात्र-छात्राएं भ्रामक विज्ञापनों से बचे और निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लेवें कि विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए अधिकृत है।

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