जयपुर। राजस्थान में पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय रहने वाले कांग्रेस पदाधिकारियों पर गाज (Punishment for inactive Congress officials) गिर सकती है। राजस्थान कांग्रेस ने सक्रिय और निष्क्रिय पदाधिकारियों की एक रिपोर्ट तैयार की है। पीसीसी से लेकर डीसीसी औऱ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार (Performance report ready) की गई है। परिणामों के बाद जब संगठन में फेरबदल होगा तब अच्छा काम करने वालों का प्रमोशन और निष्क्रिय रहने वालों की छुट्टी हो सकती है।
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद अब कांग्रेस अपने संगठन की मजबूती पर फोकस करेगी। जिससे बतौर विपक्ष की भूमिका में राजस्थान में अपना प्रभाव दिखा पाएं। संगठन की सक्रियता औऱ मजबूती के लिए कांग्रेस निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी करने का फैसला (Congress decides to discharge inactive officials) कर सकती है। वहीं पार्टी के निर्देशों पर बेहतर काम करने वालों को प्रमोशन देगी। बाकायदा पार्टी ने इसके लिए एक परफॉर्मेंस फॉर्मेट तैयार की है।
पीसीसी संगठन महासचिव ललित तूनवाल ने बाकायदा ईमेल के जरिए तमाम पदाधिकारियों से एक फॉर्मेट में सूचनाएं मांगी थी, जिसमें पद मिलने से लेकर अब तक संबंधित तमाम गतिविधियों की सबूतों सहित डिटेल मांगी गई। मसलन आपको जिस जिले की जिम्मेदारी दी गई, वहां आप कितनी बार गए और कितनी बैठकें ली। पार्टी के डायरेक्शन पर कितने विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वहीं विधानसभा और लोकसभा चुनाव में आपकी ड्यूटी कहां थी और आपने कितने समय प्रचार किया।
पीसीसी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों से फिलहाल यह जानकारी मांगी गई है। यानि करीब एक हजार के आसपास पदाधिकारियों की कार्यशैली की डिटेल जुटाई गई है। वहीं पार्टी का साफ कहना है कि जिन पदाधिकारियों ने अपनी ड्यूटी नहीं निभाई है, उन पर एक्शन होगा। जिन पदाधिकारियों ने अगर अच्छा काम किया है तो उन्हें यकीनन प्रमोशन देते हुए अहम पोस्ट दी जाएगी। यह फेरबदल लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद हो सकता है। सामने आ रहा है कि जब संगठन में फेरबदल होगा तब यह बदलाव देखने को मिलेगा।
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दरअसल, विधानसभा चुनाव हारने के बाद राजस्थान में कांग्रेस अब विपक्ष में है। इस लिहाज से बतौर विपक्ष के रोल में कैसे जनता का भरोसा हासिल किया जाए। ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि मेहनती औऱ ऊर्जावान नेताओं की फौज खड़ी करके संगठन को सक्रिय किया जाए। क्योंकि अब आगामी पंचायती संस्थाओं और निकाय चुनावों में भी कांग्रेस को मैदान में उतरना है।