राजस्थान में नागरिकता संशोधन कानून CAA के तहत बनी कमेटी ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को पांच पाकिस्तान विस्थापितों को दस्तावेज जांच के लिए बुलाया (Five Pakistani migrants called for document verification) गया। कमेटी के चेयरमैन जयपुर डिवीजन डाक विभाग के सीनियर सुपरीटेंडेंट ऑफ पोस्ट मोहन सिंह मीणा को बनाया गया है। मोहन मीणा ने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी में चेयरपर्सन हूं, कमेटी में एनआईसी के डायरेक्टर, तहसीलदार विजिलेंस की टीम रेलवे के 2 अधिकारी शामिल है।
जयपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्र से कुल 152 आवेदन नागरिक संशोधन कानून (Civil Amendment Act) के लिए प्राप्त हुए हैं। इसी के साथ कमेटी का भी गठन किया गया है, इस कमेटी में अलग-अलग विभागों के सात अधिकारी शामिल हैं। कमेटी आवेदकों के डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन का काम करती है। आज से शुरू हुए वेरिफिकेशन में पांच व्यक्तियों को बुलाया गया, पाक विस्थापितों के करीब 152 आवेदन जयपुर जिले से पोर्टल पर अपलोड हुए हैं। इस महीने में 65 विस्थापित व्यक्तियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए समय दिया गया है। उन्होंने कहा मई महीने के आखिरी दिनों में भारतीय नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी।
कमेटी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और शपथ दिलाने का काम करती है। यहां से सभी आवेदकों की फाईल स्टेट लेवल कमेटी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, उसके बाद इन सभी विस्थापितों को भारतीय नागरिकता के पत्र सौंपे जाएंगे।
पाकिस्तान विस्थापित डॉ लालचंद ने बताया कि 2013 में वह पहली बार भारत आया था, पाकिस्तान में हिंदुओं से भेदभाव होता है। लालचंद ने कहा कि उनके पिताजी 2012 में भारत घूमने आए थे उनको भारत का बहुत अच्छा माहौल लगा। यहां पर पूरी आजादी है उसके बाद हम भी भारत में आकर बस गए। लालचंद ने पाकिस्तान के एजुकेशन सिस्टम पर बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान का एजुकेशन सिस्टम बहुत ही खराब है, उच्च शिक्षा वहां पर नहीं होती है।
पाकिस्तान में मुस्लिम वर्ग के लोग हिंदू वर्ग के साथ भेदभाव करते हैं, जिसके कारण उनको बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आठवीं क्लास तक पाकिस्तान में ही पढ़ाई की, उसके बाद भारत आ गया। यहां 9 वीं क्लास से स्कूल में एडमिशन लेकर पढ़ाई पूरी की। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के कुछ सदस्य अभी भी पाकिस्तान में रह रहे हैं, अगर पाकिस्तान की ज्यादा बुराई की गई तो उनके परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
लालचंद ने कहा भारत में रहकर उन्होंने MBBS पास कर डॉक्टर बन गए हैं। आगे पोस्ट ग्रेजुएट की तैयारी करनी है। परसों ही उनका एम्स में इंटरव्यू है, उसके बाद 23 जून को नीट पीजी का एग्जाम देना है, उन्होंने कहा भारतीय नागरिकता मिल रही है इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। यह एक चमत्कार की तरह है। भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र के बिना मैं पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा नहीं दे सकता था, लेकिन अब भारतीय नागरिकता मिलने के बाद वह आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे।
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परिवार के 11 सदस्य पाकिस्तान से सन् 2013 में भारत आए थे, सभी सदस्यों ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत आवेदन किया है उन्होंने कहा उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। पाकिस्तान विस्थापित लोग आज जब कमेटी के समक्ष पेश हुए तो उनके चेहरे पर एक अलग ही रौनक और खुशी देखने को मिली। मिलती भी क्यों नहीं, क्योंकि अब कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान विस्थापित लोगों को भारतीय नागरिकता मिलने जा रही है। सभी पाकिस्तान विस्थापितों ने एक स्वर में कहा भारत जैसा खुशहाल देश पूरी दुनिया में नहीं है, यहां के लोग बड़े दिलवाले हैं।